दिल्ली पुलिस ने एक नाबालिग पहलवान द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप से जुड़े POCSO मामले में दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है। पटियाला हाउस कोर्ट में पेश की गई 550 पन्नों की विस्तृत रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि नाबालिग द्वारा लगाए गए आरोपों के समर्थन में कोई पुष्ट सबूत नहीं मिला।
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साक्ष्य
का
अभाव
दिल्ली
पुलिस द्वारा दर्ज की गई रिपोर्ट
में नाबालिग पहलवान की शिकायत की
जांच में पुख्ता सबूत के अभाव पर
प्रकाश डाला गया है। मामले की गहन जांच
के बाद पुलिस को बृजभूषण सिंह
के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को
साबित करने के लिए कोई
पुख्ता सबूत नहीं मिला। इस विकास ने
पुलिस को प्राथमिकी रद्द
करने की मांग करने
के लिए प्रेरित किया है।
"पॉक्सो
मामले में जांच पूरी होने के बाद, हमने
शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता और
स्वयं पीड़िता के बयानों के
आधार पर मामले को
रद्द करने का अनुरोध करते
हुए सीआरपीसी की धारा 173 के
तहत एक पुलिस रिपोर्ट
प्रस्तुत की है।" दिल्ली
पुलिस।
पिता का
झूठा
आरोप
मामले
में एक महत्वपूर्ण मोड़
तब सामने आया जब नाबालिग पहलवान
के पिता ने सामने आकर
दावा किया कि उन्होंने डब्ल्यूएफआई
के पूर्व प्रमुख के खिलाफ यौन
उत्पीड़न की "झूठी" शिकायत दर्ज की थी। पिता
का आरोप है कि बृज
भूषण सिंह द्वारा अपनी बेटी के प्रति पक्षपाती
व्यवहार के रूप में
देखे जाने पर उनकी हरकतें
गुस्से और हताशा से
प्रेरित थीं। इस रहस्योद्घाटन ने
प्रारंभिक शिकायत की प्रामाणिकता पर
संदेह किया है और मामले
में एक नया आयाम
जोड़ा है।
कोर्ट में
बयान
दर्ज
बाद
के विकास में नाबालिग पहलवान द्वारा 5 जून को अदालत में
आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के
तहत एक दूसरा बयान
दर्ज किया गया था। आश्चर्यजनक रूप से इस बयान
में उसने यौन उत्पीड़न के अपने पहले
के आरोप को दोहराया नहीं-
विश्वसनीय सूत्र। पीड़िता की ओर से
कोई आरोप न लगना प्रारंभिक
शिकायत की सत्यता पर
और सवाल खड़ा करता है।
अदालती कार्यवाही
और
अगली
सुनवाई
पटियाला
हाउस कोर्ट ने मामले पर
विचार करने और प्राथमिकी रद्द
करने के अनुरोध पर
विचार करने के लिए 4 जुलाई
को अगली सुनवाई निर्धारित की है। अदालत
पुलिस रिपोर्ट, शिकायतकर्ता और नाबालिग पहलवान
के परस्पर विरोधी बयानों और शामिल पक्षों
द्वारा प्रस्तुत किए गए किसी अन्य
सबूत या तर्क का
सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करेगी। इस मामले में
कोर्ट का फैसला केस
की दिशा तय करने में
अहम भूमिका निभाएगा।
जैसा
कि कानूनी कार्यवाही जारी है दिल्ली पुलिस,
आरोपी बृज भूषण सिंह और नाबालिग पहलवान
के परिवार सहित शामिल सभी पक्ष आगे की घटनाओं का
इंतजार कर रहे हैं
और 4 जुलाई को अदालत के
फैसले का इंतजार कर
रहे हैं।
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