प्रधानमंत्री मोदी ने विपक्ष की बैठक पर कटाक्ष किया, इसे 'कट्टर भ्रष्टाचार सम्मेलन' बताया

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नई दिल्ली, 18 जुलाई, 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में चल रही विपक्ष की बैठक पर कटाक्ष किया और राष्ट्रीय कल्याण पर पारिवारिक हितों पर ध्यान केंद्रित करने की आलोचना की। उनकी टिप्पणी अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए एकीकृत टर्मिनल भवन के  वर्चुअल  उद्घाटन के दौरान आई।

 


जैसे-जैसे राजनीतिक परिदृश्य गर्म होता जा रहा है विपक्षी दल बेंगलुरु में अपनी दूसरी संयुक्त बैठक आयोजित कर रहे हैं और प्रधानमंत्री नई दिल्ली में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की मेगा बैठक का नेतृत्व कर रहे हैं।


 


अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने तंज कस्ते हुए टिप्पणी की, " लोकतंत्र के लिए कहा जाता है की यह लोगों का, लोगों द्वारा और लोगों के लिए है। लेकिन वंशवादी राजनीतिक दलों के लिए यह परिवार का, परिवार द्वारा और परिवार के लिए है। परिवार सबसे पहले, राष्ट्र कुछ भी नहीं। यही उनका आदर्श वाक्य है... नफरत, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति है। देश वंशवादी राजनीति की आग का शिकार है। उनके लिए केवल उनके परिवार का विकास मायने रखता है देश के गरीबों का नहीं...।"

 


आगामी 2024 चुनावों पर प्रकाश डालते हुए प्रधान मंत्री ने अपनी पार्टी के लिए लोगों के समर्थन पर विश्वास व्यक्त करते हुए कहा "...आज देश की जनता ने तय कर लिया है कि हमें 2024 में वापस लाना है। इसलिए जो लोग भारत की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार हैं उन्होंने अपनी दुकानें खोल ली हैं... 24 के लिए 26 होने वाले राजनीतिक दलों पर ये बड़ा फिट बैठता है। गाना तो कोई और गा रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और है। लेबल किसी और चीज का लगा है लेकिन प्रोडक्ट किसी और का है। इनकी दुकानों पर जातिवाद का जहर और जबरदस्त भ्रष्टाचार की गारंटी है ,अब वे बेंगलुरु में हैं..."

 


पीएम मोदी ने संयुक्त विपक्ष की बैठक की भी आलोचना की और इसे "कट्टर भ्रष्टाचार सम्मेलन" करार दिया। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने वाले व्यक्तियों को सम्मान दिए जाने की चिंताजनक प्रवृत्ति की ओर इशारा किया और इससे भी अधिक अगर पूरे परिवार को फंसाया जाता है। इसके अलावा उन्होंने उन लोगों को दी जाने वाली श्रद्धा की आलोचना की जो समुदायों का अपमान करते हैं और बाद में कानूनी परिणाम भुगतते हैं।

 

जैसे-जैसे राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बढ़ता जा रहा है विपक्ष और सत्तारूढ़ गठबंधन दोनों महत्वपूर्ण 2024 के आम चुनावों से पहले समर्थन हासिल करने और जनता की राय को प्रभावित करने के अपने प्रयास तेज कर रहे हैं। देश इन प्रतिस्पर्धी राजनीतिक सम्मेलनों के नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, क्योंकि भारत के शासन की भविष्य की दिशा अधर में लटकी हुई है।

                      

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