इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन से चंद्रमा की पहली तस्वीरें साझा कीं

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 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने चंद्रयान-3 चंद्र मिशन में एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। शनिवार को चंद्रयान-3 चंद्र कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया जो अज्ञात चंद्र दक्षिणी ध्रुव की खोज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रविवार को इसरो ने माइक्रोब्लॉगिंग साइट 'एक्स' ( जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर 5 अगस्त, 2023 को अपने चंद्र कक्षा सम्मिलन (एलओआई) के दौरान चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान द्वारा ली गई चंद्रमा की पहली मनोरम छवियां जारी कीं।

 


चंद्रयान -3 अंतरिक्ष यान भारत का तीसरा मानवरहित चंद्रमा मिशन 14 जुलाई को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव तक पहुंचने के लिए अपनी महत्वाकांक्षी 41-दिवसीय यात्रा पर निकला। 5 अगस्त को चंद्रमा की ओरबिट में सफलतापूर्वक प्रविष्टि को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के ₹600 करोड़ मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना गया है।

 


चंद्रयान-3 से एक रोमांचक संचार में अंतरिक्ष यान ने आवश्यक युक्ति को त्रुटिहीन ढंग से निष्पादित करने के बाद इसरो को बताया "मैं चंद्र गुरुत्वाकर्षण महसूस कर रहा हूं," जो इसे चंद्रमा के करीब ले आया। इस उपलब्धि ने एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाया और भारत को चंद्रमा की सतह पर रोवर प्रज्ञान ले जाने वाले विक्रम लैंडर को उतारने के अपने लक्ष्य के करीब ला दिया।

 


इसरो ने घोषणा की कि अगला ऑपरेशन कक्षा में कमी, रविवार को रात 11 बजे किया जाएगा। इसके बाद 17 अगस्त तक तीन और ऑपरेशन होंगे जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल विक्रम प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग हो जाएगा। इस महीने के अंत में 23 अगस्त को निर्धारित चंद्रमा पर अंतिम संचालित लैंडिंग से पहले लैंडर पर बाद की डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रियाएँ को निष्पादित किया जाएगा।


 


चंद्रयान-3 मिशन अब तक सुचारू रूप से आगे बढ़ा है और इसरो चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग को लेकर आशान्वित है। चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव अन्वेषण के लिए अद्वितीय चुनौतियां और अवसर प्रस्तुत करता है और अज्ञात क्षेत्रों में उद्यम करने का इसरो का दृढ़ संकल्प वैज्ञानिक खोज और नवाचार के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को उजागर करता है।

अगले 18 दिन इसरो के चंद्रयान -3 मिशन के लिए महत्वपूर्ण होंगे। चंद्रमा की पहली छवियां जारी करने और चंद्र कक्षा में सफल प्रवेश के साथ इसरो इतिहास बनाने और अंतरिक्ष अन्वेषण के क्षेत्र में मूल्यवान अंतर्दृष्टि योगदान देने की राह पर है।

 

चंद्रयान-3 मिशन अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती शक्ति और वैज्ञानिक अन्वेषण की सीमाओं को आगे बढ़ाने के प्रति उसके समर्पण का प्रमाण है। प्रत्येक कदम आगे बढ़ाते हुए इसरो देश को उसके अंतरिक्ष संबंधी सपनों को साकार करने और ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ का विस्तार करने के करीब लाता है।

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