नई दिल्ली, 20 सितंबर, 2023 - जैसे ही महिला आरक्षण विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समय पर उठाया गया कदम बताया। दुबे की टिप्पणियाँ 128वें संवैधानिक संशोधन विधेयक, 2023 के संबंध में लोकसभा में एक उत्साही बहस के दौरान आईं जिसमें महिलाओं के लिए लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान है।
"प्रधानमंत्री
(नरेंद्र मोदी) ने बार-बार
कहा है कि 'यही
समय है, सही समय है' और यह (महिला
आरक्षण) विधेयक सही समय पर लाया गया
है।" भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में
चर्चा के दौरान विधेयक
की जोरदार वकालत करते हुए कहा। उन्होंने कहा "हमारे प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) और हमारी पार्टी
(भाजपा) यह (महिला आरक्षण) विधेयक लाए और यह विपक्ष
को परेशान कर रहा है।"
VIDEO | "Our Prime Minister (Narendra Modi) and our party (BJP) brought this (Women's Reservation) bill, and this is bothering the opposition," says BJP MP @nishikant_dubey in Lok Sabha. pic.twitter.com/4oLWg6uI40
— Press Trust of India (@PTI_News) September 20, 2023
लोकसभा
की कार्यवाही नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक पर चर्चा के
साथ शुरू हुई जिसे केंद्र द्वारा बुधवार सुबह 11 बजे बहस के लिए पेश
किया गया था। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष
सोनिया गांधी निचले सदन में विधेयक पर बोलने वाली
पहली थीं और इसके लिए
अपना समर्थन व्यक्त किया।
128वां
संवैधानिक संशोधन विधेयक 2023 यदि पारित हो जाता है,
तो लोकसभा और सभी राज्य
विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत
सीटें आरक्षित करके एक महत्वपूर्ण बदलाव
आएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को
इस विधेयक को मंजूरी दे
दी जिससे इसे लोकसभा में पेश करने का रास्ता साफ
हो गया।
केंद्रीय
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को
नए संसद भवन के उद्घाटन सत्र
के दौरान विधेयक पेश किया और इसे "नारी
शक्ति वंदन अधिनियम" नाम दिया।
विधेयक
पेश करने के दौरान सदन
को संबोधित करते हुए मंत्री मेघवाल ने महिला सशक्तिकरण
के लिए इसके महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने बताया कि संविधान के
अनुच्छेद 239एए में संशोधन
के माध्यम से दिल्ली के
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) में 33 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित
होंगी जबकि अनुच्छेद 330ए सदन में
एससी/एसटी समुदायों के लिए सीटों
का आरक्षण सुनिश्चित करेगा।
मेघवाल
ने आगे कहा कि नारी शक्ति
वंदन अधिनियम के पारित होने
से लोकसभा में महिलाओं के लिए सीटों
की संख्या बढ़कर 181 हो जाएगी जिससे
भारत के विधायी निकायों
में लैंगिक समानता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
उल्लेखनीय
है कि महिला आरक्षण
विधेयक मूल रूप से 2008 में मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली
यूपीए सरकार द्वारा पेश किया गया था जिसे 2010 में
राज्यसभा में पारित किया गया था, लेकिन लोकसभा में इस पर विचार-विमर्श के लिए कभी
विचार नहीं किया गया। वर्तमान बहस भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण
का प्रतीक है क्योंकि विभिन्न
क्षेत्रों के कानून निर्माता
देश के सर्वोच्च विधायी
निकायों में लैंगिक समानता हासिल करने के उद्देश्य से
चर्चा में शामिल होते हैं।
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