समाजवादी पार्टी (सपा) के जाने-माने नेता आजम खान और उनके परिवार से जुड़ी कानूनी कार्यवाही में एक उल्लेखनीय घटनाक्रम तब हुआ जब उत्तर प्रदेश की रामपुर अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाया। उन्हें 2019 के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र से संबंधित एक मामले में दोषी पाया गया जिसके कारण आजम खान, उनकी पत्नी तज़ीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को सात साल जेल की सजा सुनाई गई।
VIDEO | Samajwadi Party leader Azam Khan, his wife Tanzeem Fatima and their son Abdullah Azam Khan convicted in fake birth certificate case. pic.twitter.com/XfqfunFJhe
— Press Trust of India (@PTI_News) October 18, 2023
अदालत
के फैसले के बाद तीनों
को तुरंत न्यायिक हिरासत में ले लिया गया
और उन्हें अदालत परिसर से सीधे जेल
में स्थानांतरित कर दिया जाएगा,
जैसा कि अभियोजन पक्ष
का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व जिला सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने पुष्टि की।
#WATCH | Rampur, Uttar Pradesh: On Azam Khan, his wife Tanzeem Fatima and their son Abdullah Azam Khan being convicted, Former DGC crime Arun Saxena says, "Today in the crime related to the birth certificate of two people - Azam Khan, his wife Tanzeem Fatima and their son… pic.twitter.com/bWZSSAddyv
— ANI (@ANI) October 18, 2023
एमपी-एमएलए अदालत की अध्यक्षता करने
वाले मजिस्ट्रेट शोबित बंसल ने तीनों दोषियों
को अधिकतम सात साल की सजा सुनाई।
इसके अतिरिक्त उनमें से प्रत्येक पर
₹15,000 का जुर्माना लगाया गया।
मामला
3 जनवरी 2019 का है जब
भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने रामपुर के
गंज पुलिस स्टेशन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराई थी। शिकायत में आरोप लगाया गया कि आजम खान
और उनकी पत्नी ने अपने बेटे
अब्दुल्ला को दो नकली
जन्म प्रमाण पत्र प्राप्त करने में मदद की - एक लखनऊ से
और दूसरा रामपुर से।
अदालत
में पेश की गई चार्जशीट
के मुताबिक रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी किए गए जन्म प्रमाण
पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि 1 जनवरी
1993 बताई गई है। इसके
साथ ही एक अन्य
प्रमाण पत्र में दावा किया गया है कि उनका
जन्म 30 सितंबर 1990 को लखनऊ में
हुआ था।
पूर्व
डीजीएस (क्राइम) अरुण सक्सेना ने मामले पर
टिप्पणी करते हुए कहा "अब्दुल्ला आजम खान के पास दो
जन्म प्रमाण पत्र थे। आकाश सक्सेना ने एफआईआर दर्ज
की और गहन जांच
के बाद आरोप पत्र दायर किया गया। आज अदालत एक
फैसले पर पहुंची है।"
तीनों व्यक्तियों को दोषी पाते
हुए अदालत ने उनमें से
प्रत्येक को अधिकतम सात
साल की कैद की
सजा सुनाई और उन पर
लगभग ₹15,000 का जुर्माना भी
लगाया गया है।"
जाने-माने राजनीतिक व्यक्ति आजम खान और उनके परिवार
को दोषी ठहराए जाने से पूरे क्षेत्र
में शोक की लहर दौड़
गई है और इस
मामले ने जनता का
काफी ध्यान खींचा है। यह फैसला प्रमुख
समाजवादी पार्टी नेता और उनके परिवार
के खिलाफ कानूनी कार्यवाही में एक महत्वपूर्ण क्षण
का प्रतिनिधित्व करता है।
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