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भारतीय सेना ने आतंकवादियों के बीच सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिकों का होने का दावा किया |
जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में हाल ही में हुए आतंकी हमले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है भारतीय सेना ने आतंकवादियों के समूह में सेवानिवृत्त पाकिस्तानी सैनिकों के शामिल होने की पुष्टि की है।
राजौरी
जिले के कालाकोट इलाके
में परिचालन स्थिति के आकलन के
बाद उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट
जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने कल एक
बयान के दौरान इस
जानकारी का खुलासा किया।
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा "कुछ
आतंकवादी सेवानिवृत्त सैनिक पाए गए हैं...पाकिस्तान
विदेशी आतंकवादियों को यहां लाना
चाहता है क्योंकि यहां
कोई स्थानीय भर्ती नहीं है। हम विदेशी आतंकवादियों
को खत्म करने की कोशिश कर
रहे हैं।"
VIDEO | "We found that some of the terrorists were retired (Pakistan) soldiers. As there are no local recruits here, Pakistan is trying to bring foreign terrorists here. We are trying to eliminate all the foreign terrorists," says General Officer Commanding-in-Chief (GOC-in-C)… pic.twitter.com/akqae7cnYm
— Press Trust of India (@PTI_News) November 24, 2023
गुरुवार
को राजौरी के दरमसाल के
बाजीमल इलाके में लगातार 36 घंटे तक चली गोलीबारी
में सुरक्षा बलों ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी)
संगठन से जुड़े दो
विदेशी आतंकवादियों को सफलतापूर्वक मार
गिराया। हालाँकि इस मुठभेड़ की
बड़ी कीमत चुकानी पड़ी जिसमें सेना के पाँच जवानों
ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
14 सेक्टर
राष्ट्रीय राइफल्स के कमांडर ब्रिगेडियर
सौमीत पटनायक ने भीषण गोलीबारी
के बीच महिलाओं और बच्चों सहित
नागरिकों को सुरक्षित बाहर
निकालने के लिए बलों
की सराहना की।
जान
गंवाने वालों में कैप्टन एम वी प्रांजल,
कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लांस नायक संजय बिष्ट और पैराट्रूपर सचिन
लौर शामिल हैं जिन्होंने ऑपरेशन के दौरान बहादुरी
से अपनी जान दे दी।
सेना
के अथक प्रयासों से राजौरी जिले
के जंगलों में आतंकवादी गतिविधियों के केंद्र के
रूप में स्थित एक ठिकाने का
पता चला। अधिकारियों ने ऐसे गुप्त
स्थानों का पता लगाने
और उनमें सेंध लगाने में आने वाली चुनौतियों पर ध्यान दिया।
शहीद
सैनिकों के पार्थिव शरीर
को सम्मानपूर्वक जम्मू के आर्मी जनरल
अस्पताल में लाया गया जहां एक भव्य पुष्पांजलि
समारोह आयोजित किया गया। इसके बाद ताबूतों को अंतिम संस्कार
के लिए उनके संबंधित मूल स्थानों पर हवाई मार्ग
से ले जाया गया।
VIDEO | Army personnel pay tributes to their colleagues, who were martyred during Rajouri encounter, at Military Hospital, Jammu.#RajouriEncounter pic.twitter.com/fVFwd7kM6u
— Press Trust of India (@PTI_News) November 24, 2023
ऐसे
खतरों का मुकाबला करने
के लिए दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने राजौरी और
पुंछ जैसे सीमावर्ती जिलों में अभियान तेज करने की पुष्टि की।
इसका उद्देश्य एक साल के
भीतर दो दर्जन से
अधिक विदेशी आतंकवादियों को खत्म करना
है। उन्होंने इस बात पर
जोर दिया कि इन दो
प्रमुख विदेशी आतंकवादियों का खात्मा क्षेत्र
को अस्थिर करने के पाकिस्तान के
प्रयासों के लिए एक
महत्वपूर्ण झटका है।
भारतीय
सेना का संकल्प अटल
है क्योंकि वह क्षेत्र को
सुरक्षित करने और क्षेत्र में
शांति और स्थिरता को
बाधित करने के किसी भी
प्रयास को विफल करने
के अपने प्रयासों को मजबूत करना
जारी रखे हुए है।
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