स्वप्निल कुसले ने पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3पी में कांस्य पदक जीता

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स्वप्निल कुसले ने पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3पी में कांस्य पदक जीता

स्वप्निल कुसले ने पेरिस 2024 ओलंपिक में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन (3पी) स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल करके ओलंपिक इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया है। यह उल्लेखनीय उपलब्धि उन्हें इस प्रतिष्ठित स्पर्धा में पदक जीतने वाले पहले भारतीय निशानेबाज बनाती है जो भारतीय खेलों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।

 

दृढ़ संकल्प और सटीकता की यात्रा

 

कुसले का पोडियम तक का सफर उनके कौशल, दृढ़ संकल्प और अटूट फोकस का प्रमाण था। रोमांचक फाइनल में कुसले ने 451.4 के प्रभावशाली कुल स्कोर के साथ तीसरा स्थान हासिल किया, जिससे ओलंपिक शूटिंग में भारत की बढ़ती हुई संख्या में योगदान मिला। उनकी ऐतिहासिक जीत केवल एक व्यक्तिगत जीत है, बल्कि वैश्विक मंच पर भारतीय शूटिंग की प्रगति को भी दर्शाती है।

 

फाइनल में कड़ी टक्कर थी जिसमें कुसले ने उल्लेखनीय स्थिरता और सटीकता का प्रदर्शन किया। उन्होंने क्वालीफिकेशन राउंड में 590-38x स्कोर करके फाइनल में अपनी जगह पक्की की और सातवें स्थान पर रहे। चीन के लियू युकुन के रिकॉर्ड-सेटिंग प्रदर्शन सहित कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करने के बावजूद, कुसाले की दृढ़ता और दबाव में प्रदर्शन करने की क्षमता उनके कांस्य पदक को सुरक्षित करने में महत्वपूर्ण थी।

पीएम मोदी ने ट्वीट किया "स्वप्निल कुसाले का असाधारण प्रदर्शन! #ParisOlympics2024 में पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजीशन में कांस्य पदक जीतने के लिए उन्हें बधाई। उनका प्रदर्शन इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने बेहतरीन लचीलापन और कौशल दिखाया है। वह इस श्रेणी में पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट भी हैं।"

 

क्वालीफिकेशन राउंड की मुख्य बातें

 

क्वालीफिकेशन राउंड में कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली जिसमें केवल शीर्ष आठ निशानेबाज ही फाइनल में पहुंच पाए। लियू युकुन ने 594-38x स्कोर के साथ ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया, जबकि एक अन्य भारतीय प्रतियोगी ऐश्वर्या प्रताप सिंह तोमर 589-33x स्कोर के साथ 11वें स्थान पर रहे। तोमर के लगभग चूक जाने के बावजूद, कुसाले का प्रदर्शन खेल में भारतीय उत्कृष्टता का एक शानदार उदाहरण था।

 

भारतीय निशानेबाजी का एक विजयी अध्याय

 

कुसाले के कांस्य पदक ने पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजों की गति को और बढ़ा दिया है। इससे पहले खेलों में मनु भाकर ने महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता, जो पेरिस में भारत का पहला निशानेबाजी पदक था। टोक्यो ओलंपिक में उपकरण की खराबी के कारण मिली असफलता के बाद भाकर की जीत विशेष रूप से सुखद थी। उनकी सफलता ने भारतीय निशानेबाजी में पुनरुत्थान को उजागर किया, क्योंकि वह दो दशकों में किसी व्यक्तिगत स्पर्धा में ओलंपिक फाइनल में पहुँचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

 

इसके अलावा भाकर ने सरबजोत सिंह के साथ मिलकर 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित टीम स्पर्धा में दक्षिण कोरिया के ली वोनहो और ओह ये जिन को 16-10 के स्कोर से हराकर एक और कांस्य पदक हासिल किया। ये उपलब्धियाँ भारतीय निशानेबाजी प्रतिभा की ताकत और गहराई को रेखांकित करती हैं, जो देश को खेल में एक दुर्जेय शक्ति के रूप में स्थापित करती हैं।


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