भारत ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में दोहरा स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा

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भारत ने बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में दोहरा स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा

भारत ने रविवार  22 सितंबर को बुडापेस्ट में शतरंज ओलंपियाड में पुरुष और महिला दोनों ही स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। पुरुष टीम की ऐतिहासिक जीत के बाद महिला टीम जिसमें हरिका द्रोणावल्ली, वैशाली रमेशबाबू, दिव्या देशमुख, वंतिका अग्रवाल, तानिया सचदेव और कोच अभिजीत कुंटे शामिल थे ने भारत के लिए उल्लेखनीय दोहरी जीत दर्ज की।




 

महिलाओं की प्रतियोगिता के अंतिम दौर में भारत ने अजरबैजान को 3.5-0.5 से हराया, जिससे स्वर्ण पदक के लिए उनका मजबूत दावा कायम रहा। खिताब की जीत तब सुनिश्चित हुई जब यूएसए ने कजाकिस्तान को 1-1 से बराबरी पर रोका, जिससे कजाकिस्तान को टाई-ब्रेक परिदृश्य में जाने से रोका जा सका।

 

नौवें दौर में ग्रैंडमास्टर इरिना क्रश के खिलाफ वंतिका अग्रवाल की महत्वपूर्ण जीत ने टूर्नामेंट में पहले भारत की उम्मीदों को जिंदा रखा था। भारतीय थिंक टैंक ने ग्रैंडमास्टर डी हरिका को आराम देने का रणनीतिक फैसला किया लेकिन चुनौती कठिन रही। वैशाली को गुलरुखबेगिम तोखिरजोनोवा के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा, जबकि दिव्या देशमुख और तानिया सचदेव ने ड्रॉ हासिल किया। हालांकि वंतिका ने मौके का फायदा उठाया और अपने से बेहतर रेटिंग वाली प्रतिद्वंद्वी को हराकर स्कोर बराबर कर दिया जिससे भारत स्वर्ण पदक की दौड़ में बना रहेगा।

 

इससे पहले डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी की अगुआई वाली पुरुष टीम ने फाइनल राउंड में स्लोवेनिया को हराकर अपना पहला शतरंज ओलंपियाड खिताब जीता। ओपन सेक्शन में भारत ने चीन को पछाड़कर स्वर्ण पदक जीता, जबकि चीन ने यूएसए के खिलाफ अंक गंवाए।

 

पूरे मुकाबले में भारत का दबदबा देखने को मिला जिसमें पुरुष टीम ने लगातार आठ जीत दर्ज कीं। उन्हें गत चैंपियन उज्बेकिस्तान से ड्रॉ पर रोका गया लेकिन अंतिम दौर में शीर्ष वरीयता प्राप्त यूएसए पर महत्वपूर्ण जीत के साथ वापसी की और प्रभावी रूप से अपना ऐतिहासिक खिताब हासिल किया।


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