धनतेरस 2024: तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा का समय और महत्व |
त्यौहारों का मौसम आ गया है और अपने साथ धनतेरस का शुभ अवसर लेकर आया है जिसे धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाने वाला धनतेरस पांच दिवसीय दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। इस साल धनतेरस मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
धनतेरस पूजा
समय
और
मुहूर्त
पूजा मुहूर्त:
शाम 7:00 बजे से रात 8:49 बजे
तक
प्रदोष काल:
शाम 6:12 बजे से रात 8:53 बजे
तक
वृषभ काल:
शाम 7:00 बजे से रात 8:49 बजे
तक
त्रयोदशी तिथि
आरंभ:
1:01 बजे, 29 अक्टूबर
त्रयोदशी तिथि
समाप्त:
3:45 बजे, 30 अक्टूबर
धनतेरस का
महत्व
धनतेरस
का बहुत महत्व है क्योंकि ऐसा
माना जाता है कि यह
धन, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य
को लाता है। इस दिन भक्त
धन के देवता भगवान
कुबेर, आयुर्वेद से जुड़े देवता
भगवान धन्वंतरि और देवी लक्ष्मी
की पूजा करते हैं। इस दिन की
रस्में घरों और मन को
शुद्ध करने के लिए होती
हैं जो भक्तों को
आने वाले दिवाली समारोहों के लिए तैयार
करती हैं।
धनतेरस पर
क्या
खरीदें
सोने और
चांदी
की
वस्तुएं:
लक्ष्मी-गणेश के साथ उत्कीर्ण
सिक्के, आभूषण और अन्य कीमती
धातु की वस्तुएं लोकप्रिय
खरीदारी हैं जो वित्तीय स्थिरता
और सौभाग्य का प्रतीक हैं।
देवी की
मूर्तियाँ:
लक्ष्मी और गणेश की
पीतल या तांबे की
मूर्तियाँ दिव्य आशीर्वाद को आमंत्रित करने
के लिए खरीदी जाती हैं।
रसोई के
बर्तन:
इस दिन बर्तन खरीदने से समृद्धि को
आमंत्रित करने की मान्यता है
और इनका उपयोग त्यौहार के भोजन को
तैयार करने के लिए किया
जाता है।
झाड़ू: हालाँकि कम पारंपरिक झाड़ू
को नकारात्मक ऊर्जा और वित्तीय बाधाओं
को दूर करने वाला माना जाता है।
जिन वस्तुओं
से
बचना
चाहिए:
चाकू या कैंची जैसी
नुकीली वस्तुएँ जिन्हें धन के प्रवाह
को बाधित करने वाला माना जाता है, आमतौर पर इस दिन
नहीं खरीदी जाती हैं।
यह
धनतेरस हर घर में
आशीर्वाद, धन और खुशियाँ
लेकर आए क्योंकि दिवाली
का मौसम पूरे भारत में दिलों और घरों को
रोशन करता है।