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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत आएंगे, क्रेमलिन ने पुष्टि की |
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जल्द ही भारत आएंगे जैसा कि क्रेमलिन के प्रेस सचिव दिमित्री पेसकोव ने मंगलवार को घोषणा की। हालांकि यात्रा की विशिष्ट तिथियों को अभी अंतिम रूप दिया जाना बाकी है लेकिन उम्मीद है कि जल्द ही तैयारियां शुरू हो जाएंगी।
पेसकोव
ने कहा "राष्ट्रपति
व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा
की विशिष्ट तिथियों की घोषणा जल्द
ही की जाएगी और
रूस इसके लिए तैयारी शुरू कर देगा।" उन्होंने
कहा "मुझे
उम्मीद है कि हम
जल्द ही उनकी यात्रा
की सटीक तिथियों पर काम करेंगे...
प्रधानमंत्री मोदी की रूस की
दो यात्राओं के बाद, अब
राष्ट्रपति की भारत यात्रा
है, इसलिए हम इसका बेसब्री
से इंतजार कर रहे हैं।"
#WATCH | Delhi: On the visit of President Putin to India, Press secretary for Russian President, Dmitry Peskov says, "I hope soon we'll work out the precise dates of his visit... Of course, after two visits of Prime Minister Modi to Russia, now we have a visit of President to… pic.twitter.com/zhl5GSFtgm
— ANI (@ANI) November 19, 2024
ICC (International Criminal Court) की गिरफ्तारी वारंट और भारत का रुख
यह
घोषणा पुतिन के चल रहे
अंतरराष्ट्रीय विवाद के बीच हुई
है, क्योंकि यूक्रेन में कथित युद्ध अपराधों के लिए उन्हें
अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट का सामना करना
पड़ रहा है। मार्च 2023 में ICC ने पुतिन और
रूस के बाल अधिकारों
के आयुक्त मारिया ल्वोवा-बेलोवा पर यूक्रेन संघर्ष
से संबंधित युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया।
ICC वारंट
के बावजूद भारत इसके प्रावधानों से बाध्य नहीं
है, क्योंकि इसने ICC की संस्थापक संधि
रोम संविधि पर हस्ताक्षर या
अनुसमर्थन नहीं किया है। नतीजतन पुतिन को अपनी यात्रा
के दौरान गिरफ्तारी का खतरा नहीं
है। रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भारत का
तटस्थ रुख भी स्पष्ट है,
रूस ने संयुक्त राष्ट्र
में रूस विरोधी वोटों से परहेज किया
और रूसी तेल की खरीद जारी
रखी, जिससे पश्चिमी देशों ने इसकी आलोचना
की।
द्विपक्षीय संबंधों
को
मजबूत
करना
पुतिन
की यात्रा हाल ही में दोनों
देशों के बीच उच्च
स्तरीय बैठकों के बाद हुई
है। पिछले महीने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के
कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लिया जहाँ उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन के साथ द्विपक्षीय
बैठक की। इस यात्रा से
भारत-रूस संबंधों को और मजबूती
मिलने की उम्मीद है
जो वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों
के बावजूद मजबूत बने हुए हैं।
जैसे-जैसे यात्रा की तैयारियाँ आगे
बढ़ेंगी वैश्विक पर्यवेक्षक इस हाई-प्रोफाइल
कूटनीतिक जुड़ाव के निहितार्थों पर
बारीकी से नज़र रखेंगे।
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