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ईरानी राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से की फोन पर बात, पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा |
ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियन ने शनिवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से टेलीफोन पर बातचीत की और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की। इस हमले में 26 लोग जिनमें अधिकांश पर्यटक थे मारे गए थे। पेज़ेशकियन ने इस हमले को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए आतंकवाद के खिलाफ क्षेत्रीय और वैश्विक सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया।
इस बातचीत में ईरानी राष्ट्रपति ने भारत के साथ राजनयिक,
आर्थिक और सुरक्षा संबंधों को और गहरा करने की इच्छा व्यक्त की। उन्होंने पीएम मोदी
को तेहरान की यात्रा के लिए आमंत्रित किया, जिसे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत
करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। पीएम मोदी ने इस निमंत्रण का स्वागत
किया और भारत की ओर से आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के संकल्प को दोहराया।
President Masoud Pezeshkian condemned a recent terrorist attack in #Pahalgam, Indian-administered Kashmir, emphasizing the need for regional cooperation to confront terrorism.
— Iran in India (@Iran_in_India) April 26, 2025
In a phone call with India’s Prime Minister Narendra Modi, President Pezeshkian stated that the Islamic… pic.twitter.com/Zm1ArgMKeC
इसके अतिरिक्त
पीएम मोदी ने हाल ही में ईरान के शाहिद राजई बंदरगाह पर हुए विस्फोट पर गहरी संवेदना
व्यक्त की जिसमें कई लोगों की जान गई थी। उन्होंने इस कठिन समय में ईरान को भारत की
ओर से हर संभव सहायता की पेशकश की। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ती एकजुटता और आपसी
विश्वास को दर्शाता है।
पहलगाम हमले
के बाद विश्व के कई नेताओं ने भारत के प्रति समर्थन जताया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड
ट्रम्प, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू
ने इस हमले की निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई। पीएम मोदी ने इस हमले के जवाब
में कहा था कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है और हमलावरों को
"धरती के किसी भी कोने" में नहीं छोड़ेंगे।
यह टेलीफोनिक
बातचीत भारत और ईरान के बीच बढ़ते राजनयिक संबंधों का एक मजबूत संकेत है। दोनों देश
क्षेत्रीय स्थिरता, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए
प्रतिबद्ध हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बातचीत दोनों देशों के बीच भविष्य में
और अधिक सहयोगात्मक प्रयासों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, खासकर आतंकवाद और क्षेत्रीय
सुरक्षा के मुद्दों पर।
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