भारत-पाक तनाव बढ़ने के कारण 32 हवाई अड्डे 15 मई तक बंद, उड़ानें रद्द

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भारत-पाक तनाव बढ़ने के कारण 32 हवाई अड्डे 15 मई तक बंद, उड़ानें रद्द

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते उत्तरी और पश्चिमी भारत के 32 हवाई अड्डों पर नागरिक उड़ान संचालन 9 मई से 15 मई 2025 (05:29 IST) तक निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत लिया गया है, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे। यह कार्रवाई पिछले महीने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।

 

प्रभावित हवाई अड्डों में श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पठानकोट, जयपुर, जोधपुर, भुज, जामनगर, राजकोट, बिकानेर, जैसलमेर, शिमला, भुंतर (कुल्लू मनाली), किशनगढ़, पोरबंदर, कांडला, केशोद, मुंद्रा, बठिंडा, हलवारा, पटियाला, कांगड़ा (गग्गल), हिंडन, नालिया, अवंतिपुर, थोइस, अंबाला, सरसावा और उत्तरलाई शामिल हैं। नागरिक उड़ानें पूरी तरह से बंद हैं और इन हवाई अड्डों का उपयोग केवल सैन्य कार्यों के लिए किया जा रहा है।

 

इसके परिणामस्वरूप सैकड़ों उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। एयर इंडिया, इंडिगो, स्पाइसजेट और अन्य एयरलाइनों ने प्रभावित शहरों से उड़ानें रद्द कर दी हैं और यात्रियों को पूर्ण रिफंड या एक बार मुफ्त पुनर्निर्धारण की सुविधा प्रदान की है। इंडिगो ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, "असाधारण परिस्थितियों के कारण, सभी हवाई अड्डों पर सुरक्षा जांच में अतिरिक्त समय लगेगा। कृपया उड़ान से कम से कम तीन घंटे पहले हवाई अड्डे पहुंचें।"

 

पाकिस्तान ने भी अपने प्रमुख हवाई अड्डों जैसे कराची, लाहौर और सियालकोट से उड़ानें निलंबित कर दी हैं। अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों जैसे लुफ्थांसा, केएलएम, और सिंगापुर एयरलाइंस ने पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से बचने के लिए अपने उड़ान मार्गों को बदल दिया है, जिससे यूरोप और एशिया के बीच यात्रा का समय बढ़ गया है।

 

भारत-पाक तनाव का कारण 23 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला है जिसमें 27 लोग मारे गए थे। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इससे इनकार किया है। इसके बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई कदम उठाए, जिसमें हवाई क्षेत्र बंद करना, राजनयिकों को निष्कासित करना, और सिंधु जल संधि को निलंबित करना शामिल है।

 

8 और 9 मई की रात को पाकिस्तान ने जम्मू, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में 300-400 ड्रोन और मिसाइल हमले किए, जिन्हें भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों, जैसे एस-400 मिसाइल सिस्टम, ने नाकाम कर दिया। इन हमलों के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में ब्लैकआउट और हवाई सायरन की स्थिति बनी, जिससे निवासियों में दहशत फैल गई।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों के साथ स्थिति की समीक्षा की है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा कोई भी और सैन्य कार्रवाई को "वृद्धि" माना जाएगा। दूसरी ओर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत के ड्रोन हमलों से लाहौर में कोई सैन्य नुकसान नहीं हुआ।

 

अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूएई, और जापान ने डी-एस्केलेशन और कूटनीतिक समाधान की वकालत की है। मलाला यूसुफजई ने भी एक्स पर शांति की अपील करते हुए कहा, "नफरत और हिंसा हमारे साझा दुश्मन हैं।"

 

यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे उड़ान की स्थिति की जांच करें और हवाई अड्डों पर अतिरिक्त समय के साथ पहुंचें। स्थिति सामान्य होने तक यात्रा योजनाओं को स्थगित करने की सलाह दी गई है।


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