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दक्षिण अफ्रीका ने रचा इतिहास, विश्व टेस्ट चैंपियनशिप 2025 का खिताब जीता |
दक्षिण अफ्रीका ने क्रिकेट इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) 2025 का खिताब अपने नाम कर लिया। शनिवार को खेले गए फाइनल मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर 27 साल बाद अपनी पहली आईसीसी ट्रॉफी जीती। यह जीत दक्षिण अफ्रीका के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उनकी 1998 के बाद पहली बड़ी आईसीसी खिताबी जीत है।
रोमांचक मुकाबला
और
ऐतिहासिक
चेज
दक्षिण
अफ्रीका को फाइनल में
282 रनों के चुनौतीपूर्ण लक्ष्य
का पीछा करना था,
जो लॉर्ड्स में टेस्ट क्रिकेट
इतिहास का दूसरा सबसे
बड़ा सफल रन चेज
है। तीसरे दिन 213/2 पर खत्म होने
के बाद, दक्षिण अफ्रीका
को चौथे दिन केवल
69 रनों की जरूरत थी।
हालांकि, शुरुआती झटकों ने प्रशंसकों की
धड़कनें बढ़ा दीं, जब
कप्तान टेम्बा बावुमा और ट्रिस्टन स्टब्स
जल्दी आउट हो गए।
लेकिन, एडेन मार्करम की
शानदार 136 रनों की पारी
और डेविड बेडिंगहैम (21*) के साथ काइल
वेर्रेन (4*) की शांतचित्त बल्लेबाजी
ने दक्षिण अफ्रीका को जीत तक
पहुंचाया। वेर्रेन ने मिशेल स्टार्क
की गेंद पर कवर
ड्राइव के साथ विजयी
रन बनाया, जिसके बाद लॉर्ड्स में
दक्षिण अफ्रीकी प्रशंसकों का उत्साह देखते
ही बनता था।
𝐂𝐇𝐀𝐌𝐏𝐈𝐎𝐍𝐒 🏆🇿🇦
— ICC (@ICC) June 14, 2025
South Africa take home the 𝐌𝐚𝐜𝐞 👏#WTC25 #SAvAUS pic.twitter.com/Yy4C4AQEO7
मार्करम और
बावुमा
की
शानदार
साझेदारी
एडेन
मार्करम ने इस मुकाबले
में एकमात्र शतक जड़ा, जिसे
दक्षिण अफ्रीका के टेस्ट इतिहास
की सबसे महत्वपूर्ण पारियों
में से एक माना
जा रहा है। कप्तान
टेम्बा बावुमा ने भी हैमस्ट्रिंग
चोट के बावजूद 65 रनों
की नाबाद पारी खेली, जो
147 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी
का हिस्सा बनी। बावुमा ने
अपनी कप्तानी में दक्षिण अफ्रीका
को नौ टेस्ट जीत
और एक ड्रॉ के
साथ एक शानदार रिकॉर्ड
कायम किया है।
रबाडा की
गेंदबाजी
ने
बनाया
अंतर
गेंदबाजी
में कगिसो रबाडा ने नौ विकेट
लेकर ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजी को
तहस-नहस कर दिया।
उनकी शानदार गेंदबाजी ने ऑस्ट्रेलिया को
दूसरी पारी में 144/8 पर
समेटने में अहम भूमिका
निभाई। मार्को यान्सन और लुंगी एनगिडी
ने भी महत्वपूर्ण योगदान
दिया, जिससे दक्षिण अफ्रीका को यह ऐतिहासिक
जीत हासिल हुई।
'चोकर्स'
का
टैग
हटा
दक्षिण
अफ्रीका को लंबे समय
से 'चोकर्स' का टैग झेलना
पड़ा था, क्योंकि वे
कई बार आईसीसी टूर्नामेंट्स
के नॉकआउट चरणों में हार गए
थे। लेकिन इस जीत ने
उस टैग को हमेशा
के लिए खत्म कर
दिया। यह जीत न
केवल दक्षिण अफ्रीका के लिए, बल्कि
विश्व क्रिकेट के लिए भी
महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह
पहली बार है जब
'बिग 3' (भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड) के बाहर की
टीम ने डब्ल्यूटीसी खिताब
जीता है।
प्रशंसकों का
उत्साह
और
भविष्य
की
उम्मीदें
मैच
के बाद रबाडा ने
प्रशंसकों का आभार व्यक्त
करते हुए कहा, "पिछले
चार दिन लॉर्ड्स में
हमें घर जैसा समर्थन
मिला। आप सभी का
धन्यवाद, और आगे भी
आते रहें।" यह जीत दक्षिण
अफ्रीकी क्रिकेट के लिए एक
नई शुरुआत हो सकती है,
जिससे भविष्य में और भी
खिताबी जीत की उम्मीदें
बढ़ गई हैं।
दक्षिण
अफ्रीका की इस ऐतिहासिक
जीत ने न केवल
उनके प्रशंसकों को गर्व का
मौका दिया, बल्कि विश्व क्रिकेट में टेस्ट फॉर्मेट
की अहमियत को भी रेखांकित
किया। यह जीत दक्षिण
अफ्रीकी क्रिकेटरों की मेहनत, जुनून
और एकजुटता का प्रतीक है।
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