दुनिया की 7 सबसे अजीब परंपराएं – यकीन करना मुश्किल है!

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दुनिया की 7 सबसे अजीब परंपराएं – यकीन करना मुश्किल है!

दुनिया एक अनोखा और रहस्यमयी स्थान है जहां हर देश, हर संस्कृति अपनी अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ जीवंत है। कुछ परंपराएं हमें खुशी और गर्व का अनुभव कराती हैं, तो कुछ ऐसी भी हैं जो सुनने में इतनी अजीब लगती हैं कि यकीन करना मुश्किल हो जाता है। आज हम आपको दुनिया की 7 सबसे अजीब परंपराओं के बारे में बताने जा रहे हैं जो केवल हैरान करने वाली हैं, बल्कि आपको सोचने पर भी मजबूर कर देंगी। तो चलिए इस अनोखी यात्रा पर निकलते हैं और जानते हैं कि दुनिया के कोने-कोने में लोग कैसे-कैसे रिवाज निभाते हैं।

 

1. चीन: शादी से पहले रोने की रस्म

 

चीन के कुछ हिस्सों खासकर सिचुआन प्रांत में एक ऐसी परंपरा है जो सुनने में बेहद अजीब लगती है। यहां शादी से एक महीने पहले दुल्हन को रोजाना एक घंटे तक रोना पड़ता है। जी हां आपने सही सुना! इस रस्म को "ज़ो कू" कहा जाता है जिसका मतलब है "रोने की रस्म" इस दौरान दुल्हन अपनी भावनाओं को व्यक्त करती है, और बाद में उसकी मां, दादी, और अन्य रिश्तेदार भी उसके साथ रोने में शामिल हो जाते हैं।

 

चीन: शादी से पहले रोने की रस्म
चीनशादी से पहले रोने की रस्म

इस परंपरा का मकसद दुल्हन को वैवाहिक जीवन की चुनौतियों के लिए भावनात्मक रूप से तैयार करना माना जाता है। यह रस्म केवल भावनाओं को व्यक्त करने का एक तरीका है बल्कि परिवार की एकजुटता को भी दर्शाती है। लेकिन सोचिए रोजाना एक घंटे तक रोना कितना मुश्किल हो सकता है!

 

क्यों है खास?

 

  • ·         यह परंपरा दुल्हन को भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है।
  • ·         परिवार की एकता और सहयोग को दर्शाती है।

 

 

 

2. स्कॉटलैंड: दूल्हा-दुल्हन पर कूड़ा-कचरा फेंकना

 

स्कॉटलैंड में शादी से पहले एक ऐसी परंपरा निभाई जाती है, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इस रस्म को "ब्लैकनिंग ऑफ ब्राइड एंड ग्रूम" कहा जाता है। इसमें दूल्हा और दुल्हन को उनके दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा सड़ी-गली सब्जियां, कूड़ा-कचरा, मछली का तेल, और यहां तक कि कीचड़ तक फेंका जाता है।

 

स्कॉटलैंड: दूल्हा-दुल्हन पर कूड़ा-कचरा फेंकना
स्कॉटलैंडदूल्हा-दुल्हन पर कूड़ा-कचरा फेंकना

इस रस्म का उद्देश्य यह है कि दंपति को वैवाहिक जीवन की मुश्किलों के लिए तैयार किया जाए। स्कॉटलैंड के लोग मानते हैं कि अगर दूल्हा-दुल्हन इस गंदगी को हंसते-हंसते झेल लेते हैं, तो वे जीवन की किसी भी चुनौती को आसानी से पार कर सकते हैं। हालांकि, यह रस्म देखने में जितनी अजीब है, उतनी ही मजेदार भी है।

 

क्यों है खास?

 

  • ·         यह परंपरा दंपति को मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत बनाती है।
  • ·         दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ हंसी-मजाक का मौका देती है।

 

 

 

3. स्पेन: टमाटर की लड़ाई - ला टोमाटिना

 

स्पेन के बुनोल शहर में हर साल अगस्त के आखिरी बुधवार को एक अनोखा और रंग-बिरंगा उत्सव मनाया जाता है, जिसे ला टोमाटिना कहते हैं। इस दौरान हजारों लोग सड़कों पर इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे पर टमाटर फेंकते हैं। यह टमाटरों की विशाल लड़ाई कुछ घंटों तक चलती है, जिसमें पूरा शहर लाल रंग में रंग जाता है।

 

स्पेन: टमाटर की लड़ाई - ला टोमाटिना
स्पेनटमाटर की लड़ाई - ला टोमाटिना

यह परंपरा 1945 से शुरू हुई थी, जब एक स्थानीय झगड़े के दौरान लोगों ने टमाटर फेंकना शुरू किया था। तब से यह एक वार्षिक उत्सव बन गया है, जो दुनिया भर से पर्यटकों को आकर्षित करता है। इसका कोई धार्मिक या सांस्कृतिक महत्व नहीं है, लेकिन यह हंसी-खुशी और मस्ती का प्रतीक है।

 

क्यों है खास?

  • ·         यह एक मजेदार और तनावमुक्त उत्सव है।
  • ·         दुनिया भर के लोगों को एकजुट करता है।

 

 

 

4. म्यांमार: जिराफ जैसी गर्दन - सुंदरता की परिभाषा

 

म्यांमार के कायन लाहवी जनजाति में एक ऐसी परंपरा है, जो सुंदरता की अनोखी परिभाषा पेश करती है। इस समुदाय की महिलाएं अपनी गर्दन को लंबा करने के लिए पीतल के छल्ले पहनती हैं। इन छल्लों को बचपन से ही पहनना शुरू कर दिया जाता है, और धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ाई जाती है। इससे उनकी गर्दन लंबी और जिराफ जैसी दिखने लगती है, जिसे इस जनजाति में सुंदरता का प्रतीक माना जाता है।

 

म्यांमार जिराफ जैसी गर्दन - सुंदरता की परिभाषा
म्यांमार: जिराफ जैसी गर्दन - सुंदरता की परिभाषा

हालांकि, यह परंपरा स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरी हो सकती है, फिर भी कायन महिलाएं इसे गर्व के साथ अपनाती हैं। यह परंपरा उनकी सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है और पर्यटकों के बीच भी काफी लोकप्रिय है।

 

क्यों है खास?

 

  • ·         यह सुंदरता की एक अनोखी और पारंपरिक परिभाषा को दर्शाती है।
  • ·         कायन जनजाति की सांस्कृतिक विरासत को जीवित रखती है।

 

 

 

5. जापान: आंसू पोंछने के लिए किराए के लोग

 

जापान में एक ऐसी परंपरा है, जो आपको हैरान कर देगी। यहां लोग अपने आंसुओं को पोंछने के लिए "रुई-नेटा" नाम की सेवा किराए पर लेते हैं। इस सेवा में हैंडसम और आकर्षक लोग आपके लिए आंसू पोंछते हैं और आपको सांत्वना देते हैं। यह सेवा खासकर उन लोगों के लिए है जो भावनात्मक रूप से कमजोर महसूस करते हैं और अपने दुख को साझा करना चाहते हैं।

 

जापान: आंसू पोंछने के लिए किराए के लोग
जापानआंसू पोंछने के लिए किराए के लोग

यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन जापान में यह सेवा काफी लोकप्रिय है। लोग इसे भावनात्मक तनाव को कम करने का एक अनोखा तरीका मानते हैं।

 

क्यों है खास?

  • ·         यह परंपरा भावनात्मक समर्थन का एक नया तरीका पेश करती है।
  • ·         जापान की आधुनिक और अनोखी सोच को दर्शाती है।

 

 

6. इथियोपिया: लिप प्लेट्स - मर्सी जनजाति

 

इथियोपिया की मर्सी जनजाति में एक ऐसी परंपरा है, जो देखने और सुनने में बेहद अजीब लगती है। यहां की महिलाएं अपनी निचली होंठ में लिप प्लेट्स (बड़ी गोल प्लेटें) डालती हैं, जिससे उनका होंठ असामान्य रूप से बड़ा और फैला हुआ दिखता है। यह प्रक्रिया किशोरावस्था में शुरू होती है, जब उनके होंठ में एक छोटा छेद किया जाता है, और धीरे-धीरे प्लेट का आकार बढ़ाया जाता है।

 

इथियोपिया लिप प्लेट्स - मर्सी जनजाति
इथियोपियालिप प्लेट्स - मर्सी जनजाति

मर्सी जनजाति में इसे सुंदरता और सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है। यह परंपरा केवल उनकी पहचान को दर्शाती है, बल्कि उनकी संस्कृति को भी जीवित रखती है।

 

क्यों है खास?

 

  • ·         यह परंपरा मर्सी जनजाति की अनोखी सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है।
  • ·         सुंदरता की एक अनोखी परिभाषा प्रस्तुत करती है।

 

 

 

7. डेनमार्क: 25 साल तक अविवाहित होने पर दालचीनी डालना

 

डेनमार्क में एक मजेदार और अजीब परंपरा है। अगर कोई व्यक्ति 25 साल की उम्र तक अविवाहित रहता है, तो उसके दोस्त और रिश्तेदार उस पर दालचीनी की बौछार कर देते हैं। अगर उम्र 30 हो जाए और व्यक्ति अभी भी अविवाहित हो, तो दालचीनी की जगह काली मिर्च डाली जाती है।

 

डेनमार्क: 25 साल तक अविवाहित होने पर दालचीनी डालना
डेनमार्क: 25 साल तक अविवाहित होने पर दालचीनी डालना

इस रस्म का मकसद मजाक-मजाक में व्यक्ति को शादी के लिए प्रेरित करना है। यह परंपरा डेनमार्क में खासकर युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय है और हंसी-मजाक का हिस्सा बन चुकी है।

 

क्यों है खास?

 

  • ·         यह एक हल्की-फुल्की और मजेदार परंपरा है।
  • ·         सामाजिक बंधन और हास्य को बढ़ावा देती है।

 

 

निष्कर्ष: परंपराओं का अनोखा संसार

 

दुनिया भर में फैली ये अजीबोगरीब परंपराएं हमें यह दिखाती हैं कि संस्कृतियां कितनी विविध और अनोखी हो सकती हैं। चाहे वह स्पेन में टमाटरों की लड़ाई हो या म्यांमार में गिरफ़े जैसी गर्दन, हर रिवाज के पीछे एक कहानी और उद्देश्य छिपा होता है। ये परंपराएं हमें यह सिखाती हैं कि हर समाज की अपनी खासियत होती है, जो उसे और भी खूबसूरत बनाती है।

 

अगर आपको यह ब्लॉग पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें। और हां, क्या आप किसी ऐसी अजीब परंपरा के बारे में जानते हैं जो इस लिस्ट में शामिल होनी चाहिए? हमें कमेंट में जरूर बताएं!

 

 


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