हिमाचल में मॉनसून का तांडव: 37 की मौत, 400 करोड़ की संपत्ति क्षतिग्रस्त |
हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी भारी बारिश ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 7 जुलाई तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिसके चलते स्थिति और गंभीर हो सकती है। हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं में अब तक 37 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि संपत्ति को 400 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
हिमाचल में बाढ़-बारिश से भारी नुकसान... अब तक 37 लोगों की मौत की खबर... 407 करोड़ की सरकारी संपत्ति को नुकसान... 150 से ज्यादा घर पानी में बह गये#himachalpradeshflood #himachal pic.twitter.com/rH4XcM0sdu
— Zee Bihar Jharkhand (@ZeeBiharNews) July 4, 2025
बारिश ने
मचाया
कहर
20 जून
से शुरू हुए मॉनसून
ने हिमाचल प्रदेश को अपनी चपेट
में ले लिया है।
मंडी, कुल्लू, शिमला, चंबा और कांगड़ा
जैसे जिलों में बादल फटने,
भूस्खलन और बाढ़ की
घटनाओं ने जनजीवन को
पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
मंडी जिला सबसे अधिक
प्रभावित हुआ है, जहां
बादल फटने की 16 और
बाढ़ की तीन घटनाएं
दर्ज की गई हैं।
इन घटनाओं में कई लोग
लापता हैं, और बचाव
कार्य जोरों पर हैं।
राज्य
आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, 250 से
अधिक सड़कें बंद हैं, 500 से
ज्यादा बिजली ट्रांसफार्मर खराब हो चुके
हैं, और लगभग 700 पेयजल
योजनाएं प्रभावित हुई हैं। मंडी
में 186 सड़कें बंद हैं, जिससे
यातायात और संचार व्यवस्था
ठप हो गई है।
सिरमौर जिले के पच्छाद
में 133.3 मिमी बारिश दर्ज
की गई, जो हाल
के दिनों में सबसे अधिक
है।
पर्यावरणीय प्रभाव
और
सरकारी
प्रयास
हिमाचल
प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
के डीसी राणा ने
इन घटनाओं को ग्लोबल वार्मिंग
और जलवायु परिवर्तन का परिणाम बताया
है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु ने
मंडी के प्रभावित क्षेत्रों
का दौरा किया और
पीड़ित परिवारों को हर संभव
सहायता का आश्वासन दिया।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल
(NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल
(SDRF) बचाव कार्य में जुटे हैं,
और आपातकालीन आश्रय स्थल स्थापित किए
गए हैं।
मौसम विभाग
की
चेतावनी
मौसम
विभाग ने शिमला, कुल्लू,
चंबा, मंडी और कांगड़ा
में अगले 24 घंटों के लिए फ्लैश
फ्लड की चेतावनी जारी
की है। 8 जुलाई तक भारी बारिश
की संभावना जताई गई है
जिसके चलते निचले इलाकों
में जलभराव और भूस्खलन का
खतरा बना हुआ है।
पर्यटकों और स्थानीय लोगों
को सतर्क रहने और जोखिम
वाले क्षेत्रों से बचने की
सलाह दी गई है।
जनता से
अपील
हिमाचल
प्रदेश सरकार ने 24x7 नियंत्रण कक्ष स्थापित किया
है और आपातकालीन प्रोटोकॉल
सक्रिय कर दिए हैं।
लोगों से अपील की
गई है कि वे
मौसम की चेतावनियों पर
ध्यान दें और सुरक्षित
स्थानों पर रहें। यह
आपदा एक बार फिर
पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन
से निपटने की आवश्यकता को
रेखांकित करती है।
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