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अमेरिका ने पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार TRF को घोषित किया विदेशी आतंकी संगठन |
अमेरिका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (TRF) को विदेशी आतंकी संगठन (Foreign Terrorist Organization - FTO) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकी (Specially Designated Global Terrorist - SDGT) घोषित किया है। इस हमले में 26 नागरिकों की जान गई थी, जो 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में नागरिकों पर सबसे घातक हमला माना जा रहा है।
Today, the US Department of State is adding The Resistance Front (TRF) as a designated Foreign Terrorist Organisation (FTO) and Specially Designated Global Terrorist (SDGT).
— ANI (@ANI) July 17, 2025
TRF, a Lashkar-e-Tayyiba (LeT) front and proxy, claimed responsibility for the April 22, 2025, Pahalgam… pic.twitter.com/LklJLIa1xr
अमेरिकी
विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक बयान
में कहा "TRF, जो पाकिस्तान स्थित
आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का
एक छद्म संगठन है,
ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी
ली थी। इस कार्रवाई
से ट्रम्प प्रशासन की आतंकवाद के
खिलाफ कठोर रुख और
राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने
की प्रतिबद्धता झलकती है।" TRF को लश्कर-ए-तैयबा की FTO और SDGT सूची में शामिल
किया गया है, और
यह निर्णय अमेरिकी आप्रवासन और राष्ट्रीयता अधिनियम
की धारा 219 और कार्यकारी आदेश
13224 के तहत लागू होगा।
पहलगाम
के बैसरन घाटी में हुए
इस हमले में आतंकियों
ने मुख्य रूप से हिंदू
पर्यटकों को निशाना बनाया
था, जिसमें एक ईसाई पर्यटक
और एक स्थानीय मुस्लिम
भी मारे गए थे।
हमलावरों ने M4 कार्बाइन और AK-47 जैसे हथियारों का
इस्तेमाल किया था। भारत
की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने
TRF के प्रमुख शेख सज्जाद गुल
को इस हमले का
मास्टरमाइंड बताया है। हालांकि TRF ने
बाद में अपनी जिम्मेदारी
से इनकार कर दिया था,
जिसे भारत-पाकिस्तान के
बीच बढ़ते तनाव का परिणाम
माना जा रहा है।
भारत
ने इस हमले का
जवाब 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए दिया
जिसमें 7 मई को पाकिस्तान
और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी
ठिकानों को निशाना बनाया
गया। इसके बाद भारत
ने 33 वैश्विक राजधानियों में सात बहुदलीय
प्रतिनिधिमंडलों को भेजकर पाकिस्तान
के आतंकवाद से संबंधों को
उजागर किया।
भारतीय
दूतावास ने इस कदम
का स्वागत करते हुए कहा
"यह भारत-अमेरिका के
बीच मजबूत आतंकवाद-विरोधी सहयोग का एक और
उदाहरण है। हम TRF को
FTO और SDGT के रूप में
सूचीबद्ध करने के लिए
अमेरिकी विदेश विभाग की सराहना करते
हैं। आतंकवाद के प्रति हमारी
नीति शून्य सहनशीलता की है।"
यह कार्रवाई TRF के लिए वित्तीय
और आव्रजन प्रतिबंधों के साथ-साथ
निर्यात संबंधी दंड को लागू
करेगी, जिससे संगठन की गतिविधियों पर
और अधिक अंकुश लगेगा।
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