मोदी की जापान यात्रा: सेमीकंडक्टर, एआई और बुलेट ट्रेन पर होगी गहन चर्चा

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मोदी की जापान यात्रा: सेमीकंडक्टर, एआई  और बुलेट ट्रेन पर होगी गहन चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज जापान की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर टोक्यो पहुंचे जहां उन्हें भारतीय समुदाय द्वारा जोरदार स्वागत मिला। इस यात्रा के दौरान मोदी जापानी प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा के साथ 15वें भारत-जापान वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। दोनों देशों के बीच विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एआई, सेमीकंडक्टर, बुलेट ट्रेन जैसी उन्नत तकनीकों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा।



यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आर्थिक, निवेश और सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाना है। सूत्रों के अनुसार मोदी और इशिबा के बीच होने वाली चर्चाओं में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और सेमीकंडक्टर क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर जोर होगा। जापान जो सेमीकंडक्टर उत्पादन में वैश्विक नेता है, भारत के साथ एक आर्थिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर कर सकता है, जिसमें सेमीकंडक्टर, महत्वपूर्ण खनिज और एआई शामिल होंगे। इसके अलावा मोदी सेंडाई शहर में एक सेमीकंडक्टर सुविधा का दौरा करेंगे जो दोनों देशों के तकनीकी सहयोग को दर्शाता है।


बुलेट ट्रेन परियोजना भी एजेंडे का प्रमुख हिस्सा है। भारत में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए जापान के साथ अगली पीढ़ी की 10 शिंकानसेन बुलेट ट्रेनों के निर्माण पर समझौता होने की संभावना है। मोदी खुद एक हाई-स्पीड ट्रेन से सेंडाई की यात्रा करेंगे जो इस क्षेत्र में सहयोग की प्रतीक होगी। यह परियोजना भारत की रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को क्रांतिकारी बदलाव दे सकती है, जैसे कि दशकों पहले मारुति सुजुकी संयुक्त उद्यम ने ऑटोमोबाइल क्षेत्र में किया था।


इसके अलावा व्यापार, रक्षा और निवेश जैसे क्षेत्रों में भी गहन चर्चा होगी। जापान भारत में अपने निवेश लक्ष्य को दोगुना करने का वादा कर सकता है, जिसमें लगभग 68 अरब डॉलर की प्रतिबद्धताएं शामिल हैं। स्टार्टअप और यूनिकॉर्न कंपनियों को बढ़ावा देने, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ाने तथा रक्षा क्षेत्र में साझेदारी को मजबूत करने पर भी फोकस रहेगा। मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा, "यह अवसर हमें नई सहयोग की दिशाओं का अन्वेषण करने का मौका देगा, जो दोनों देशों के विकास को गति प्रदान करेगा।"


यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब वैश्विक व्यापार चुनौतियों, जैसे अमेरिका के साथ व्यापार तनाव, के बीच भारत और जापान अपनी साझेदारी को मजबूत कर रहे हैं। भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ मोदी की मुलाकात से सांस्कृतिक संबंधों को भी बल मिलेगा। कुल मिलाकर, यह शिखर सम्मेलन भारत-जापान संबंधों के अगले चरण को आकार देने में महत्वपूर्ण साबित होगा।


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