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पुतिन और ट्रंप की मुलाकात अगले हफ्ते, यूक्रेन युद्ध पर होगी बड़ी बातचीत |
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच अगले हफ्ते एक अहम मुलाकात होने वाली है। क्रेमलिन के एक वरिष्ठ अधिकारी यूरी उशाकोव ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की जिसके बाद दुनिया भर की निगाहें इस बैठक पर टिक गई हैं। यह मुलाकात यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है, हालांकि अभी तक इसकी तारीख और जगह का ऐलान नहीं हुआ है।
पुतिन
और ट्रंप की यह मुलाकात
ऐसे समय में हो
रही है जब ट्रंप
ने रूस पर यूक्रेन
के साथ युद्धविराम के
लिए शुक्रवार तक की समय
सीमा दी थी। ट्रंप
ने धमकी दी थी
कि अगर रूस इस
समय सीमा तक शांति
समझौते की दिशा में
कदम नहीं उठाता, तो
वह रूस और उसके
व्यापारिक साझेदार देशों पर कड़े आर्थिक
प्रतिबंध लगाएंगे। हाल ही में
ट्रंप ने भारत पर
भी रूसी तेल खरीदने
के लिए 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया था जिससे वैश्विक
कूटनीति में हलचल मच
गई है।
क्रेमलिन
के सलाहकार यूरी उशाकोव ने
कहा "अमेरिकी पक्ष के सुझाव
पर, दोनों देशों के बीच उच्च
स्तरीय बैठक की सहमति
बन चुकी है। हम
इस मुलाकात को ऐतिहासिक बनाने
की दिशा में काम
कर रहे हैं।" पुतिन
ने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) को
इस बैठक के लिए
एक संभावित स्थान बताया है, क्योंकि वहां
के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन
जायद अल नहयान के
साथ उनकी हाल ही
में मुलाकात हुई थी।
हालांकि
इस मुलाकात में यूक्रेन के
राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को शामिल करने
की बात पर मतभेद
दिख रहे हैं। ट्रंप
ने कहा है कि
वह पुतिन के साथ अकेले
मुलाकात करने को तैयार
हैं, भले ही पुतिन
जेलेंस्की से मिलने को
तैयार न हों। दूसरी
ओर, जेलेंस्की ने जोर देकर
कहा है कि यूक्रेन
को इस तरह की
किसी भी वार्ता में
शामिल करना जरूरी है,
क्योंकि यह उनके देश
के भविष्य का सवाल है।
जेलेंस्की ने अपने ताजा
बयान में कहा, "रूस
पर दबाव काम कर
रहा है, लेकिन हमें
यह सुनिश्चित करना होगा कि
कोई भी हमें धोखा
न दे।"
इस मुलाकात की पृष्ठभूमि में
ट्रंप के विशेष दूत
स्टीव विटकॉफ की हालिया मॉस्को
यात्रा भी अहम रही।
विटकॉफ ने बुधवार को
पुतिन के साथ तीन
घंटे की लंबी बातचीत
की, जिसे क्रेमलिन ने
"रचनात्मक" बताया। हालांकि, ट्रंप ने इसे "ब्रेकथ्रू"
मानने से इनकार किया
और कहा कि वह
पहले भी पुतिन से
निराश हो चुके हैं।
यूक्रेन
युद्ध, जो फरवरी 2022 में
शुरू हुआ, यूरोप का
सबसे घातक संघर्ष बन
चुका है। हाल के
हफ्तों में रूस के
हमलों में कीव सहित
कई शहरों में नागरिकों की
मौत हुई है, जिसे
ट्रंप ने "घृणित" बताया। दूसरी ओर, यूक्रेन भी
रूसी तेल डिपो और
बुनियादी ढांचों पर ड्रोन हमले
कर रहा है।
इस मुलाकात से क्या कोई
ठोस नतीजा निकलेगा, इस पर अभी
संशय बरकरार है। विश्लेषकों का
कहना है कि पुतिन
शांति वार्ता के लिए तैयार
होने के बावजूद अपनी
शर्तों से पीछे हटने
को तैयार नहीं हैं, जिसमें
यूक्रेन का तटस्थ दर्जा
और नाटो में शामिल
न होने की मांग
शामिल है। दूसरी ओर,
यूक्रेन और उसके पश्चिमी
सहयोगी इन शर्तों को
अस्वीकार करते हैं।
जैसा
कि दुनिया इस मुलाकात का
इंतजार कर रही है,
भारत सहित कई देश
इसकी कूटनीतिक और आर्थिक असर
पर नजर रखे हुए
हैं। क्या यह मुलाकात
यूक्रेन युद्ध का अंत कर
पाएगी या यह सिर्फ
एक और कूटनीतिक मुलाकात
साबित होगी? यह तो आने
वाला वक्त ही बताएगा।
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