सेमिकॉन इंडिया 2025: भारत को बनाएंगे वैश्विक चिप हब, बोले पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यशोभूमि, नई दिल्ली में सेमिकॉन इंडिया 2025 का उद्घाटन किया। इस तीन दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य भारत को सेमिकॉन्डक्टर डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास में वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने भारत की महत्वाकांक्षी सेमिकॉन्डक्टर नीति और रणनीति पर जोर देते हुए कहा कि भारत अब न केवल तकनीक का उपभोक्ता है, बल्कि इसका सृजनकर्ता भी बन रहा है।
भारत की
सेमिकॉन्डक्टर
यात्रा:
विजन
से
वास्तविकता
तक
प्रधानमंत्री
ने अपने संबोधन में
कहा "चार साल पहले
हमने भारत सेमिकॉन्डक्टर मिशन
(आईएसएम) की शुरुआत की
थी। आज हमारी यह
यात्रा एक सपने से
हकीकत में बदल रही
है। सेमिकॉन्डक्टर्स आधुनिक तकनीक का आधार हैं,
जो स्वास्थ्य, परिवहन, संचार, रक्षा और अंतरिक्ष जैसे
क्षेत्रों को शक्ति प्रदान
करते हैं।" उन्होंने जोर देकर कहा
कि भारत अब वैश्विक
आपूर्ति श्रृंखला में एक भरोसेमंद
साझेदार के रूप में
उभर रहा है।
उन्होंने
यह भी बताया कि
भारत में पांच सेमिकॉन्डक्टर
इकाइयों का निर्माण तेजी
से चल रहा है
और हाल ही में
गुजरात के साणंद में
देश की पहली आउटसोर्स्ड
सेमिकॉन्डक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी)
पायलट लाइन सुविधा का
शुभारंभ हुआ। इस सुविधा
से जल्द ही 'मेड
इन इंडिया' चिप्स बाजार में उपलब्ध होंगे।
#WATCH | At Semicon India 2025, Prime Minister Narendra Modi says, "In the year 2021, we started the Semicon India program. By the year 2023, India's first semiconductor plant was approved. In 2024, we approved additional plants. In 2025, we cleared five additional projects.… pic.twitter.com/WtfNNFy3aw
— ANI (@ANI) September 2, 2025
सेमिकॉन इंडिया
2025: वैश्विक
मंच,
स्थानीय
नवाचार
सेमिकॉन
इंडिया 2025 जो 2 से 4 सितंबर
तक चलेगा, में 48 देशों से 2,500 से अधिक प्रतिनिधि,
150 से अधिक वक्ता और
350 से ज्यादा प्रदर्शक हिस्सा ले रहे हैं।
इस आयोजन में छह देशों
के बीच गोलमेज चर्चाएँ,
चार देशों के पवेलियन और
नौ भारतीय राज्यों की भागीदारी होगी।
यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा
सेमिकॉन्डक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग
मंच है।
इस सम्मेलन में सेमिकॉन्डक्टर फैब,
उन्नत पैकेजिंग, स्मार्ट विनिर्माण, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), अनुसंधान और विकास (आरएंडडी),
और निवेश के अवसरों जैसे
विषयों पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी ने कहा
"हमारी नीतियाँ और प्रोत्साहन योजनाएँ,
जैसे डिज़ाइन लिंक्ड इंसेंटिव (डीएलआई) योजना, स्टार्टअप्स और नवाचार को
बढ़ावा दे रही हैं।"
उन्होंने यह भी उल्लेख
किया कि 23 चिप डिज़ाइन परियोजनाओं
को मंजूरी दी गई है,
जो रक्षा, अंतरिक्ष, इलेक्ट्रिक वाहनों और ऊर्जा प्रणालियों
के लिए उन्नत चिप्स
विकसित कर रही हैं।
आत्मनिर्भर भारत
का
सपना
प्रधानमंत्री
ने अपने भाषण में
आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण
को दोहराया। उन्होंने कहा, "सेमिकॉन्डक्टर्स राष्ट्रीय और आर्थिक सुरक्षा
के लिए महत्वपूर्ण हैं।
हमारी सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड
इंसेंटिव (पीएलआई) योजना शुरू की, जिसमें
से लगभग 65,000 करोड़ रुपये पहले ही आवंटित
किए जा चुके हैं।"
उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत में
निवेश के लिए आमंत्रित
करते हुए स्थिर नीतियों,
कुशल कार्यबल और विशाल बाजार
की ताकत पर जोर
दिया।
भविष्य की
राह
3 सितंबर
को पीएम मोदी इस
सम्मेलन में सीईओ राउंडटेबल
में भी हिस्सा लेंगे,
जहाँ वैश्विक सेमिकॉन्डक्टर दिग्गजों के साथ भारत
की रणनीति पर चर्चा होगी।
इस आयोजन में जापान, दक्षिण
कोरिया, सिंगापुर और मलेशिया जैसे
देशों के अंतरराष्ट्रीय पवेलियन
भी शामिल हैं, जो भारत
के साथ सहयोग को
और मजबूत करेंगे।
सेमिकॉन
इंडिया 2025 न केवल भारत
की तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करेगा,
बल्कि यह भी दर्शाएगा
कि कैसे भारत वैश्विक
सेमिकॉन्डक्टर उद्योग में एक नया
अध्याय लिख रहा है।
पीएम मोदी ने अपने
संबोधन को समाप्त करते
हुए कहा, "भारत का युवा,
उसकी प्रतिभा और उसका जोश
हमें एक नई ऊँचाई
पर ले जाएगा। हम
न केवल चिप्स बना
रहे हैं, बल्कि भविष्य
का निर्माण कर रहे हैं।"
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