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जयशंकर ने तालिबान मंत्री से की बात, पहलगाम हमले की निंदा के लिए जताया आभार |
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी से फोन पर बातचीत की। यह पहली बार है जब भारत और तालिबान शासन के बीच मंत्रिस्तरीय स्तर पर सार्वजनिक रूप से स्वीकृत बातचीत हुई है। इस दौरान जयशंकर ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले की तालिबान द्वारा की गई निंदा की सराहना की।
जयशंकर
ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म
'X' पर लिखा "आज शाम को
अफगान कार्यवाहक विदेश मंत्री मावलवी अमीर खान मुत्तकी
के साथ अच्छी बातचीत
हुई। पहलगाम आतंकी हमले की निंदा
के लिए उनकी गहरी
सराहना करता हूं।" उन्होंने
यह भी कहा कि
भारत और अफगानिस्तान के
बीच अविश्वास पैदा करने की
हाल की कोशिशों को
काबुल ने दृढ़ता से
खारिज किया, जो विशेष रूप
से पाकिस्तानी मीडिया के एक वर्ग
द्वारा फैलाए गए दावों का
उल्लेख करता है। इन
दावों में कहा गया
था कि भारत ने
पहलगाम में "झूठा" ऑपरेशन करने के लिए
तालिबान को "किराए" पर लिया था।
Good conversation with Acting Afghan Foreign Minister Mawlawi Amir Khan Muttaqi this evening.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) May 15, 2025
Deeply appreciate his condemnation of the Pahalgam terrorist attack.
Welcomed his firm rejection of recent attempts to create distrust between India and Afghanistan through false and…
इस बातचीत में दोनों पक्षों
ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने,
व्यापार को बढ़ावा देने
और कूटनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने
पर विचार-विमर्श किया। मुत्तकी ने अफगान व्यापारियों
और मरीजों के लिए वीजा
प्रक्रिया को आसान करने
और भारत में हिरासत
में लिए गए अफगान
कैदियों की रिहाई की
मांग की। जयशंकर ने
इन मुद्दों पर त्वरित ध्यान
देने का आश्वासन दिया
और चाबहार बंदरगाह के विकास पर
भी जोर दिया।
भारत
ने अभी तक तालिबान
शासन को मान्यता नहीं
दी है और काबुल
में एक समावेशी सरकार
के गठन की वकालत
करता रहा है। भारत
यह भी जोर देता
है कि अफगान धरती
का उपयोग किसी भी देश
के खिलाफ आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं
होना चाहिए। यह बातचीत विदेश
सचिव विक्रम मिश्री और मुत्तकी के
बीच जनवरी में दुबई में
हुई मुलाकात के चार महीने
बाद हुई है।
इस घटनाक्रम को क्षेत्रीय कूटनीति
के लिहाज से महत्वपूर्ण माना
जा रहा है, खासकर
भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच।
पहलगाम हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे,
के बाद भारत ने
'ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था,
जिसका उद्देश्य पाकिस्तान समर्थित आतंकी ढांचे को निशाना बनाना
था। तालिबान का इस हमले
की निंदा करना और भारत
के साथ सहयोग की
इच्छा जताना क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सकारात्मक
संकेत माना जा रहा
है।
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