ऑपरेशन सिंदूर: 3,000 अग्निवीरों ने पाकिस्तानी हमले को किया नाकाम, लिखी वीरता की नई गाथा

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ऑपरेशन सिंदूर: 3,000 अग्निवीरों ने पाकिस्तानी हमले को किया नाकाम, लिखी वीरता की नई गाथा( AI Image)

पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत 7 मई को पाकिस्तान और पाक-अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस मिशन में 3,000 युवा अग्निवीरों ने अपनी वीरता का परचम लहराया।

 

अग्निवीरों का अदम्य साहस

 

महज 20 वर्ष की उम्र में अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हुए इन 3,000 अग्निवीरों ने पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन हमलों का डटकर मुकाबला किया। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को अटूट बनाने में इनका योगदान ऐतिहासिक रहा। प्रत्येक यूनिट में 150-200 अग्निवीरों ने अहम हथियार प्रणालियों को संभाला, जिससे पाकिस्तानी हमले नाकाम हो गए।

 

तकनीक और साहस का संगम

 

ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने आधुनिक तकनीक और रणनीति का बखूबी इस्तेमाल किया। लंबी दूरी के ड्रोन, क्रूज मिसाइल और लॉइटरिंग म्यूनिशन्स के साथ नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद किया गया। अग्निवीरों ने केवल दुश्मन की गोलाबारी का जवाब दिया, बल्कि भारतीय संचार और निगरानी प्रणालियों को अक्षुण्ण रखा।

 

एक सैनिक की जुबानी

 

"जब पाकिस्तान ने हमारी चौकियों और नागरिक क्षेत्रों पर हमला किया, हमारा जवाब इतना तीव्र और सटीक था कि दुश्मन के होश उड़ गए," एक राजपूत रेजिमेंट के मेजर ने कहा। उनकी कमान में अग्निवीरों ने कुछ ही मिनटों में पाकिस्तानी पोस्ट को ध्वस्त कर दिया।

 

देश को गर्व

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस पर अग्निवीरों से मुलाकात कर उनकी हौसला-अफजाई की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा "हमारे सैनिकों ने सर्जन की तरह सटीकता से आतंक के जड़ों पर प्रहार किया।" ऑपरेशन सिंदूर केवल भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक बना, बल्कि अग्निवीरों की नई पीढ़ी ने यह साबित कर दिया कि वे देश की ढाल हैं।

 

यह ऑपरेशन अभी समाप्त नहीं हुआ है, भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।


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