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अयोध्या राम मंदिर: प्राण प्रतिष्ठा समारोह चरण 2 की पूरी जानकारी |
अयोध्या, भगवान श्रीराम की पावन नगरी एक बार फिर इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपनी जगह बना रही है। 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब राम मंदिर में दूसरा प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है। यह समारोह 3 से 5 जून 2025 तक आयोजित होगा जिसमें राम दरबार और अन्य मंदिरों में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। आइए इस भव्य आयोजन की पूरी जानकारी को समझते हैं जो श्रद्धा, आस्था और संस्कृति का अनूठा संगम होगा।
दूसरा प्राण
प्रतिष्ठा
समारोह:
कब
और
क्यों?
पिछले
साल 22 जनवरी 2024 को अयोध्या के
राम मंदिर में रामलला की
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
हुई थी जो एक
ऐतिहासिक क्षण था। इस
समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी मुख्य यजमान थे, और देश-विदेश से लाखों लोग
इस पल के साक्षी
बने। अब मंदिर के
प्रथम तल और परकोटे
में बनाए गए अन्य
मंदिरों में मूर्तियों की
स्थापना के लिए दूसरा
प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित किया जा रहा
है।
यह तीन दिवसीय समारोह
3 जून 2025 से शुरू होगा
और 5 जून को गंगा
दशहरा के शुभ अवसर
पर अपने चरम पर
पहुंचेगा। इस दौरान राम
दरबार की स्थापना के
साथ-साथ परिसर में
स्थित छह अन्य मंदिरों
में भगवान शिव, सूर्य, गणपति,
हनुमान, देवी भगवती और
देवी अन्नपूर्णा की मूर्तियों की
प्राण प्रतिष्ठा होगी। इसके अलावा, सप्त
मंडपम क्षेत्र में सात मंदिरों
में ऋषि वशिष्ठ, वाल्मीकि,
अगस्त्य, विश्वामित्र, अहिल्या, शबरी और निषादराज
की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी।
श्री राम जन्मभूमि मंदिर का दिव्य स्वर्णमंडित शिखर तथा नवनिर्मित प्रथम तल
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) June 2, 2025
The divine, gold-adorned shikhar and the newly constructed first floor of the Shri Ram Janmabhoomi Mandir. pic.twitter.com/yIIUUcxoJx
समारोह का
शेड्यूल
और
तैयारियां
श्री
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस आयोजन
के लिए व्यापक तैयारियां
की हैं। समारोह का
शुभारंभ 2 जून को कलश
यात्रा और प्रायश्चित कर्म
के साथ होगा। 3 जून
से पंचांग पूजन, मंडप पूजन, ग्रह
यज्ञ, अग्नि स्थापन और हवन जैसे
वैदिक अनुष्ठान शुरू होंगे। 4 जून
को प्रतिमाओं का अन्नाधिवास, देवस्नान,
ग्राम प्रदक्षिणा और शैयाधिवास होगा।
अंत में 5 जून को सुबह
11:25 से 11:40 के बीच अभिजीत
मुहूर्त में मुख्य प्राण
प्रतिष्ठा समारोह संपन्न होगा।
Eight splendid Devalayas have been newly constructed within the Mandir Complex, each enshrining a vigraha of revered Shastriya Devtas. The sacred Pran Pratishtha ceremony for these vigrahas will be conducted with full religious observance, commencing on 3 June 2025.
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) May 28, 2025
इस समारोह में काशी और
अयोध्या के 101 वैदिक आचार्य और 120 अन्य आचार्य शामिल
होंगे, जो वैदिक मंत्रों
और विधि-विधान के
साथ इस पवित्र अनुष्ठान
को पूरा करेंगे। उत्तर
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में
उपस्थित रहेंगे, और कई अन्य
गणमान्य व्यक्तियों को भी आमंत्रित
किया गया है।
राम
मंदिर के प्रथम तल
पर राम दरबार की
मूर्तियां स्थापित की जाएंगी जिनका
निर्माण जयपुर के कारीगरों द्वारा
सफेद संगमरमर से किया गया
है। ये मूर्तियां 21 मई
को जयपुर से रवाना होकर
22 मई को अयोध्या पहुंची
थीं। राम दरबार में
भगवान श्रीराम और माता सीता
दो-दो फुट ऊंचे
सिंहासन पर विराजमान होंगे,
जबकि लक्ष्मण और हनुमान बैठी
मुद्रा में और भरत-शत्रुघ्न खड़े रूप में
होंगे।
भक्तों के
लिए
विशेष
व्यवस्था
राम
मंदिर ट्रस्ट ने यह सुनिश्चित
किया है कि प्राण
प्रतिष्ठा के दौरान भक्तों
को दर्शन में किसी भी
तरह की असुविधा न
हो। 3 से 5 जून तक
मंदिर सामान्य दिनों की तरह खुला
रहेगा, और श्रद्धालु रामलला
के दर्शन कर सकेंगे। प्रतिदिन
750 श्रद्धालुओं को राम दरबार
के दर्शन की अनुमति होगी।
परिसर में बड़ी एलईडी
स्क्रीन और सीसीटीवी कैमरे
लगाए जाएंगे, ताकि भक्त समारोह
को देख सकें।
अयोध्या
को इस ऐतिहासिक अवसर
के लिए भव्य रूप
से सजाया गया है। भगवा
ध्वज, फूलों की सजावट, रंगोली
और दीपों की रोशनी से
रामनगरी जगमगा रही है। सुरक्षा
के लिए प्रशासन ने
चाक-चौबंद व्यवस्था की है, ताकि
लाखों श्रद्धालुओं को कोई परेशानी
न हो।
रामलला की
अन्य
मूर्तियों
का
क्या?
पिछले
साल प्राण प्रतिष्ठा के लिए तीन
मूर्तियां बनाई गई थीं,
जिनमें से अरुण योगीराज
द्वारा बनाई गई मूर्ति
को गर्भगृह में स्थापित किया
गया। बाकी दो मूर्तियां,
जो गणेश भट्ट और
सत्यनारायण पांडे द्वारा बनाई गई थीं,
अभी रामसेवकपुरम में रखी हैं।
ट्रस्ट ने इनके लिए
उचित स्थान तय करने का
निर्णय अभी तक नहीं
लिया है।
एक स्वर्णिम संयोग
यह समारोह न केवल धार्मिक,
बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण
से भी महत्वपूर्ण है।
अयोध्या के महंत कृपालु
दास जी महाराज ने
इसे धर्म और संस्कृति
का सौभाग्य बताया। उन्होंने कहा कि जिस
धरती पर भगवान राम
का जन्म हुआ, वहां
उनके दरबार की प्राण प्रतिष्ठा
के दिन मुख्यमंत्री योगी
आदित्यनाथ का मौजूद होना
एक स्वर्णिम संयोग है।
राम
मंदिर का निर्माण 5 जून
2025 तक पूरी तरह पूरा
हो जाएगा, और यह समारोह
उस स्वप्न को साकार करने
का एक और कदम
है, जिसके लिए राम भक्तों
ने सदियों तक इंतजार किया।
निष्कर्ष
अयोध्या
का राम मंदिर केवल
एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि
भारत की सांस्कृतिक और
आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।
3 से 5 जून 2025 तक होने वाला
यह प्राण प्रतिष्ठा समारोह राम भक्तों के
लिए एक और अवसर
है, जब वे अपनी
आस्था को और गहरा
कर सकेंगे। अगर आप भी
इस ऐतिहासिक पल का हिस्सा
बनना चाहते हैं, तो अयोध्या
की यात्रा की योजना बनाएं
और इस भव्य उत्सव
का साक्षी बनें।
जय श्री राम!
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