सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार: कब और कैसे?

anup
By -
0


सीबीएसई कक्षा 10 बोर्ड परीक्षा अब साल में दो बार: कब और कैसे?

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया है। यह नया नियम शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू होगा, जिसका उद्देश्य छात्रों के तनाव को कम करना और उन्हें बेहतर प्रदर्शन का अवसर प्रदान करना है। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है, जो बोर्ड परीक्षाओं के "हाई-स्टेक्स" पहलू को कम करने पर जोर देती है।

 



कब होंगी परीक्षाएं?

 

आधिकारिक ड्राफ्ट के अनुसार, सीबीएसई कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा 2026 में दो चरणों में आयोजित की जाएगी:

 

पहला चरण:  फरवरी से  मार्च, 2026

दूसरा चरण: मई , 2026

 

पहला चरण सभी छात्रों के लिए अनिवार्य होगा, जबकि दूसरा चरण वैकल्पिक होगा, जिसे वे चुन सकते हैं जो अपने प्रदर्शन को बेहतर करना चाहते हैं। परिणाम क्रमशः अप्रैल और जून 2026 में घोषित किए जाएंगे।

 

कैसे होगा यह नया सिस्टम?

 

·         दो अवसर, एक राहत: छात्र दोनों परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं और बेहतर अंकों को अंतिम परिणाम में गिना जाएगा। यदि कोई छात्र पहले चरण के परिणाम से संतुष्ट है, तो वह दूसरी परीक्षा में शामिल होने का विकल्प चुन सकता है।

 

·         पांच विषयों में पास होना जरूरी: सभी पांच विषयों (विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान, और दो भाषाएं) में पास होना अनिवार्य है। यदि कोई छात्र पहले चरण में किसी विषय में असफल होता है, तो वह दूसरे चरण में "सुधार श्रेणी" के तहत पुनः परीक्षा दे सकता है।

 

·        प्रैक्टिकल और इंटरनल असेसमेंट: प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन साल में केवल एक बार आयोजित होंगे।


·         परीक्षा शुल्क में वृद्धि: दोनों परीक्षाओं के लिए शुल्क एक साथ लिया जाएगा, जो कि लिस्ट ऑफ कैंडिडेट्स (एलओसी) जमा करने के समय देना होगा। यह शुल्क गैर-वापसी योग्य होगा।

 

·         विषय बदलने की सीमित सुविधा: पहले चरण के लिए विषय बदलने की अनुमति नहीं होगी, लेकिन दूसरे चरण में छात्र नए विषय चुन सकते हैं, बशर्ते उन्होंने पहले चरण में उस विषय की परीक्षा दी हो।

 

क्यों लिया गया यह फैसला?

 

सीबीएसई का यह कदम एनईपी 2020 के तहत बोर्ड परीक्षाओं को अधिक लचीला और छात्र-अनुकूल बनाने की दिशा में है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा "यह सुधार छात्रों को तनावमुक्त शिक्षा प्रदान करने और उनकी प्रतिभा को निखारने के लिए है।" यह नई व्यवस्था उन छात्रों को विशेष रूप से लाभ देगी जो परीक्षा के समय बीमारी, तनाव, या अन्य कारणों से अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते।

 

स्टेकहोल्डर्स से मांगे गए सुझाव

 

सीबीएसई ने इस ड्राफ्ट को सार्वजनिक डोमेन में रखा है और सभी हितधारकों (स्कूल, शिक्षक, अभिभावक, छात्र, और आम जनता) से 9 मार्च, 2025 तक सुझाव मांगे हैं। इन सुझावों के आधार पर नीति को अंतिम रूप दिया जाएगा।

 

क्या होगा प्रभाव?

 

·         कम तनाव, बेहतर अवसर: विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया सिस्टम छात्रों के मानसिक दबाव को कम करेगा और उन्हें अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा।

 

·         प्रशासनिक चुनौतियां: कुछ स्कूलों ने इस नई व्यवस्था के लिए प्रशासनिक बोझ बढ़ने की चिंता जताई है, लेकिन इसे लागू करने के लिए शिक्षक प्रशिक्षण को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

·         26 लाख छात्रों का भविष्य: अनुमान है कि 2026 में लगभग 26.60 लाख कक्षा 10 के छात्र इस नई व्यवस्था के तहत परीक्षा देंगे।

 

छात्रों के लिए सलाह

 

सीबीएसई ने सुझाव दिया है कि छात्र जनवरी 2025 तक पाठ्यक्रम पूरा कर लें और नमूना प्रश्नपत्रों पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अभ्यास शुरू करें। नियमित अभ्यास, समय प्रबंधन, और शांत दिमाग के साथ तैयारी करने से 90% से अधिक अंक प्राप्त करना संभव है।

 

यह नई व्यवस्था निश्चित रूप से छात्रों के लिए एक सुनहरा अवसर है, जो उन्हें अपनी क्षमता को साबित करने के लिए दो मौके देगी। अधिक जानकारी के लिए, आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in पर जाएं।


Tags:

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Hi Please, Do not Spam in Comments

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!