भारत-पाक युद्धविराम: न व्यापार सौदा, न अमेरिकी मध्यस्थता - पीएम मोदी की दो टूक

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भारत-पाक युद्धविराम: न व्यापार सौदा, न अमेरिकी मध्यस्थता - पीएम मोदी की दो टूक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ 35 मिनट की फोन वार्ता में स्पष्ट किया कि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम में तो कोई अमेरिकी मध्यस्थता थी और ही भारत-अमेरिका व्यापार सौदे पर कोई चर्चा हुई। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक प्रेस बयान में कहा कि पीएम मोदी ने ट्रम्प को बताया कि युद्धविराम दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे संवाद के माध्यम से हुआ, जो पाकिस्तान के अनुरोध पर शुरू हुआ।

 

यह बयान ट्रम्प के उन दावों के जवाब में आया है जिनमें उन्होंने कहा था कि भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन के सैन्य संघर्ष के बाद अमेरिकी मध्यस्थता और व्यापार सौदे के दबाव के कारण युद्धविराम हुआ। भारत ने इन दावों को सिरे से खारिज करते हुए अपनी लंबे समय से चली रही नीति को दोहराया कि वह कश्मीर या पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता।

 

मिस्री ने कहा "प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान, किसी भी स्तर पर तो भारत-अमेरिका व्यापार सौदे की बात हुई और ही भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिकी मध्यस्थता का कोई प्रस्ताव था।" उन्होंने यह भी बताया कि 6-7 मई की रात को भारत ने केवल पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था, जो एक सटीक और गैर-वृद्धिकारी कार्रवाई थी।

 

मई में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे, के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव बढ़ गया था। भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज किया। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसके तहत आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए। पाकिस्तान ने 7 मई को भारतीय सेना की कॉल का जवाब देकर युद्धविराम के लिए बातचीत शुरू की, जिसके परिणामस्वरूप 10 मई को पूर्ण युद्धविराम लागू हुआ।

 

मोदी ने ट्रम्प को यह भी बताया कि भारत आतंकवाद को अब प्रॉक्सी युद्ध नहीं, बल्कि युद्ध मानता है और ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। उन्होंने चेतावनी दी कि पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाली किसी भी आतंकी गतिविधि को युद्ध का कार्य माना जाएगा और भारत इसका और भी कड़ा जवाब देगा।

 

पाकिस्तान ने युद्धविराम में ट्रम्प की भूमिका की सराहना की थी, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि यह पूरी तरह से द्विपक्षीय प्रयास था। विदेश सचिव ने कहा, "भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की, करेगा। इस मुद्दे पर भारत में पूर्ण राजनीतिक एकजुटता है।"

 

यह फोन कॉल जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रम्प के अनुरोध पर हुई, जहां दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान संघर्ष जैसे वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की। भारत ने अपनी स्थिति को मजबूती से रखते हुए तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को खारिज किया और आतंकवाद के खिलाफ अपनी कठोर नीति को दोहराया।

 

 


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