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भारत-अमेरिका के बीच बहुत बड़ी व्यापारिक डील की संभावना, ट्रंप ने दिए संकेत |
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में आयोजित 'बिग ब्यूटीफुल बिल' कार्यक्रम के दौरान भारत के साथ एक 'बहुत बड़ी' व्यापारिक डील की संभावना जताई। ट्रंप ने हाल ही में चीन के साथ हुए व्यापार समझौते का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के साथ भी जल्द ही एक बड़ा समझौता हो सकता है, जो दोनों देशों के लिए आर्थिक अवसरों को बढ़ाएगा।
ट्रंप
ने अपने भाषण में
कहा "हमने हाल ही
में चीन के साथ
एक व्यापार समझौता किया है। हम
हर देश के साथ
समझौते नहीं करेंगे, लेकिन
हमारे पास कुछ शानदार
डील्स हैं। भारत के
साथ भी एक बहुत
बड़ी डील होने वाली
है, जिससे हम भारत के
बाजार को और खोलेंगे।"
US President Donald Trump hints at major trade deal with India, praises China agreement
— WION (@WIONews) June 27, 2025
Watch!#DonaldTrump #TradeDeal #China #India #US pic.twitter.com/FC1Nbc9WSL
भारत-अमेरिका
व्यापार
वार्ता:
क्या
है
स्थिति?
पिछले
कुछ महीनों से भारत और
अमेरिका के बीच व्यापारिक
वार्ताएं चल रही हैं।
फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र
मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप
ने एक द्विपक्षीय व्यापार
समझौते की पहली किश्त
को शरद ऋतु 2025 तक
अंतिम रूप देने और
2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 191 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर
500 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने
का लक्ष्य रखा था।
हालांकि
हाल ही में दोनों
देशों के बीच ऑटो
पार्ट्स, स्टील और कृषि उत्पादों
पर आयात शुल्क को
लेकर मतभेद सामने आए हैं, जिसके
कारण 9 जुलाई की समयसीमा से
पहले एक अंतरिम समझौते
की उम्मीदें कम हो गई
हैं। भारतीय अधिकारियों ने बताया कि
भारत ने अमेरिकी उत्पादों
जैसे बादाम, पिस्ता और अखरोट पर
शुल्क में कमी की
पेशकश की है, साथ
ही ऊर्जा, ऑटो और रक्षा
क्षेत्रों में अमेरिकी आयात
को प्राथमिकता देने की तैयारी
है। फिर भी, अमेरिका
ने भारत के स्टील
और ऑटो पार्ट्स पर
मौजूदा शुल्क में छूट देने
की मांग को अभी
तक स्वीकार नहीं किया है।
भारत की
स्थिति:
निष्पक्ष
और
संतुलित
समझौता
भारत
के वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट
किया है कि भारत
ऐसा कोई समझौता नहीं
करेगा जो इसके आर्थिक
या रणनीतिक हितों को नुकसान पहुंचाए।
उन्होंने कहा "हमारा लक्ष्य एक निष्पक्ष, समान
और संतुलित समझौता है जो दोनों
देशों के लिए फायदेमंद
हो।"
इसके
अलावा, भारत विशेष रूप
से अमेरिकी कृषि क्षेत्र में
मौजूद आनुवंशिक रूप से संशोधित
(जीएम) फसलों जैसे मक्का और
सोयाबीन पर शुल्क छूट
देने में सतर्कता बरत
रहा है, क्योंकि यह
भारतीय किसानों के लिए संवेदनशील
मुद्दा है।
अमेरिकी पक्ष:
जल्द
हो
सकता
है
समझौता
अमेरिकी
वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक
ने इस महीने की
शुरcellar में यूएस-इंडिया
स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरन पर कहा
था कि दोनों देश
एक ऐसे बिंदु पर
हैं जहां जल्द ही
समझौता हो सकता है।
उन्होंने कहा, "हम बहुत अच्छी
स्थिति में हैं, और
मुझे लगता है कि
निकट भविष्य में भारत और
अमेरिका के बीच एक
समझौता देखने को मिलेगा।"
ट्रंप
के बयान और हालिया
वार्ताओं से यह स्पष्ट
है कि दोनों देश
एक व्यापक समझौते की दिशा में
काम कर रहे हैं,
जो न केवल व्यापार
को बढ़ावा देगा बल्कि रणनीतिक
साझेदारी को भी मजबूत
करेगा।
आगे क्या?
हालांकि
9 जुलाई की समयसीमा नजदीक
है, भारतीय अधिकारियों का कहना है
कि अगर प्रधानमंत्री मोदी
और राष्ट्रपति ट्रंप सीधे हस्तक्षेप करते
हैं तो अंतिम समय
में एक सफलता मिल
सकती है। विशेषज्ञों का
मानना है कि यह
समझौता भारत को अमेरिकी
कंपनियों जैसे ऐप्पल के
लिए आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण
साझेदार के रूप में
स्थापित कर सकता है,
जो चीन से आपूर्ति
श्रृंखला को विविध करने
की कोशिश कर रही हैं।
भारत
और अमेरिका के बीच यह
संभावित व्यापारिक डील न केवल
आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है,
बल्कि यह दोनों देशों
के बीच रणनीतिक साझेदारी
को और गहरा करने
की दिशा में एक
बड़ा कदम हो सकता
है।
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