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World Drug Day 2025: नशे के खिलाफ एकजुटता की पुकार |
हर साल 26 जून को विश्व मादक पदार्थ निषेध दिवस (International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking) मनाया जाता है। यह दिन नशे की लत और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने और वैश्विक सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को प्रस्ताव 42/112 के माध्यम से इस दिन को मनाने का निर्णय लिया था, ताकि मादक पदार्थों से मुक्त समाज की दिशा में वैश्विक प्रयासों को मजबूत किया जा सके।
विश्व
मादक पदार्थ निषेध दिवस 2025 का थीम अभी
तक घोषित नहीं किया गया
है, लेकिन पिछले वर्षों की तरह यह
नशे की रोकथाम, उपचार
और पुनर्वास पर केंद्रित होगा।
2024 का थीम था: "The evidence is clear: invest in
prevention" (साक्ष्य
स्पष्ट है: रोकथाम में
निवेश करें), जो विज्ञान-आधारित
नीतियों और मानवाधिकारों के
सम्मान पर जोर देता
है। इस ब्लॉग में,
हम 2025 के नवीनतम आंकड़ों
और तथ्यों के आधार पर
इस दिन के महत्व,
नशे की वैश्विक स्थिति,
और भारत में इसके
प्रभाव पर चर्चा करेंगे।
वैश्विक मादक
पदार्थ
समस्या:
नवीनतम
आंकड़े
संयुक्त
राष्ट्र मादक पदार्थ और
अपराध कार्यालय (UNODC) की विश्व मादक
पदार्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, 2022 तक
वैश्विक स्तर पर 29.2 करोड़
लोग अवैध मादक पदार्थों
का उपयोग कर रहे थे
जो पिछले दस वर्षों में
20% की वृद्धि दर्शाता है। प्रमुख आंकड़े
इस प्रकार हैं:
कैनबिस (मारिजुआना):
22.8 करोड़ लोग कैनबिस का
उपयोग करते हैं, जो
विश्व में सबसे अधिक
इस्तेमाल होने वाला मादक
पदार्थ है।
ओपियोइड्स: 6 करोड़ लोग ओपियोइड्स का
उपयोग करते हैं, जिनमें
से नई सिंथेटिक ओपियोइड्स
जैसे निटाज़ीन्स विशेष रूप से उच्च
आय वाले देशों में
ओवरडोज़ मृत्यु का कारण बन
रहे हैं।
अन्य मादक
पदार्थ:
3 करोड़ लोग एम्फेटामाइन, 2.3 करोड़
लोग कोकेन, और 2 करोड़ लोग
एक्स्टसी का उपयोग करते
हैं।
उपचार की
कमी:
विश्व में 6.4 करोड़ लोग मादक पदार्थ
उपयोग विकारों से पीड़ित हैं,
लेकिन केवल 1/11 लोग ही उपचार
प्राप्त कर पाते हैं।
महिलाओं के लिए उपचार
तक पहुंच और भी कम
है।
नई चुनौतियां:
सिंथेटिक ड्रग्स, विशेष रूप से निटाज़ीन्स
जैसे ओपियोइड्स, स्वास्थ्य प्रणालियों पर दबाव बढ़ा
रहे हैं। इसके अलावा,
दक्षिण-पूर्व एशिया के गोल्डन ट्रायंगल
और लैटिन अमेरिका में ड्रग तस्करी
अन्य अपराधों जैसे मानव तस्करी
और पर्यावरणीय क्षति से जुड़ी हुई
है।
भारत में
मादक
पदार्थों
की
स्थिति
भारत
में मादक पदार्थों की
समस्या एक गंभीर चुनौती
है, विशेष रूप से क्योंकि
यह गोल्डन क्रिसेंट (अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ईरान) और गोल्डन ट्रायंगल
(म्यांमार, थाईलैंड, लाओस) जैसे मादक पदार्थ
उत्पादन क्षेत्रों के निकट है।
कुछ महत्वपूर्ण तथ्य:
मामलों की
संख्या:
2022 से 2024 के बीच, भारत
में मादक पदार्थ और
साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम (NDPS Act) के तहत 3 लाख
से अधिक मामले दर्ज
किए गए और 3.75 लाख
गिरफ्तारियां हुईं। हालांकि केवल 268 मामलों में सजा हुई,
जो कम सजा दर
को दर्शाता है।
प्रमुख राज्य:
केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश
में सबसे अधिक मामले
दर्ज किए गए। केरल
में प्रत्येक वर्ष 25,000 से अधिक मामले
दर्ज हुए।
सबसे अधिक
प्रभावित
क्षेत्र:
पंजाब और हिमाचल प्रदेश
में ओपियोइड उपयोग की महामारी है,
जबकि गुजरात में ड्रग ओवरडोज़
से होने वाली मृत्यु
में वृद्धि देखी गई है।
जब्ती: 2022-2024 के बीच भारत
में 40 लाख किलोग्राम से
अधिक मादक पदार्थ जब्त
किए गए, जिनका मूल्य
लगभग 52,000 करोड़ रुपये था।
विश्व मादक
पदार्थ
निषेध
दिवस
2025 का
उद्देश्य
विश्व
मादक पदार्थ निषेध दिवस 2025 का मुख्य उद्देश्य
नशे की रोकथाम, उपचार,
और पुनर्वास को बढ़ावा देना
है। UNODC के अनुसार, इस
वर्ष के अभियान में
निम्नलिखित पर जोर दिया
जाएगा:
·
जागरूकता बढ़ाना:
मादक पदार्थों के उपयोग से
होने वाले नुकसान के
बारे में लोगों को
शिक्षित करना।
·
रोकथाम में
निवेश:
प्रारंभिक हस्तक्षेप और सामुदायिक नेतृत्व
वाली रोकथाम पहलों को प्रोत्साहित करना।
·
उपचार तक
पहुंच:
सभी के लिए स्वैच्छिक,
साक्ष्य-आधारित उपचार कार्यक्रमों को सुलभ बनाना।
·
अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
ड्रग तस्करी और संगठित अपराध
से निपटने के लिए वैश्विक
सहयोग को बढ़ावा देना।
·
मानवाधिकार: मादक पदार्थ उपयोग
करने वालों के प्रति सहानुभूति
और सम्मान के साथ व्यवहार
करना, दंड के बजाय
पुनर्वास पर ध्यान देना।
भारत में
सरकारी
प्रयास
भारत
सरकार ने मादक पदार्थों
की समस्या से निपटने के
लिए कई कदम उठाए
हैं:
नशा मुक्त भारत
अभियान:
अगस्त 2020 में शुरू किया
गया यह अभियान देश
भर में नशे के
खिलाफ जागरूकता फैलाने, सहायता प्रदान करने, और पुनर्वास सेवाओं
को बढ़ावा देने का लक्ष्य
रखता है।
नारकोटिक्स कंट्रोल
ब्यूरो
(NCB): NCB ने प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से
अभियोजन और कानून प्रवर्तन
अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने
पर ध्यान दिया है ताकि
सजा दर में सुधार
हो।
जागरूकता अभियान:
स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर
पर जागरूकता रैलियां, शैक्षिक कार्यक्रम, और सामुदायिक पहल
आयोजित की जाती हैं।
व्यक्तिगत और
सामुदायिक
स्तर
पर
योगदान
विश्व
मादक पदार्थ निषेध दिवस 2025 पर, हम सभी
नशे के खिलाफ लड़ाई
में योगदान दे सकते हैं:
·
जागरूकता फैलाएं:
सोशल मीडिया और सामुदायिक कार्यक्रमों
के माध्यम से नशे के
दुष्परिणामों के बारे में
जानकारी साझा करें।
·
युवाओं को
सशक्त
करें:
युवाओं को नशे की
रोकथाम के लिए प्रोत्साहित
करें और उन्हें स्वस्थ
जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित
करें।
·
पुनर्वास का
समर्थन
करें:
नशे की लत से
जूझ रहे लोगों को
सहानुभूति और समर्थन प्रदान
करें।
·
शिक्षा को
बढ़ावा
दें:
स्कूलों और कॉलेजों में
नशे के खतरों के
बारे में शैक्षिक कार्यक्रम
आयोजित करें।
निष्कर्ष
विश्व
मादक पदार्थ निषेध दिवस 2025 नशे की वैश्विक
समस्या से निपटने के
लिए एक महत्वपूर्ण अवसर
है। यह दिन हमें
याद दिलाता है कि साक्ष्य-आधारित नीतियों, सहानुभूति, और वैश्विक सहयोग
के माध्यम से हम एक
नशा-मुक्त समाज की दिशा
में काम कर सकते
हैं। भारत में जहां
मादक पदार्थों की समस्या विशेष
रूप से गंभीर है,
सरकार और समाज को
मिलकर रोकथाम, उपचार, और पुनर्वास पर
ध्यान देना होगा। आइए
इस 26 जून को हम
सब मिलकर नशे के खिलाफ
एकजुट हों और एक
स्वस्थ, सुरक्षित, और समृद्ध समाज
का निर्माण करें।
अस्वीकरण (Disclaimer)
इस ब्लॉग पोस्ट में दी गई
जानकारी विश्व मादक पदार्थ निषेध
दिवस 2025 के संदर्भ में
सामान्य जागरूकता और शैक्षिक उद्देश्यों
के लिए प्रदान की
गई है। यह सामग्री
विश्वसनीय स्रोतों, जैसे संयुक्त राष्ट्र
मादक पदार्थ और अपराध कार्यालय
(UNODC) और अन्य सार्वजनिक रूप
से उपलब्ध आंकड़ों पर आधारित है।
हालांकि जानकारी की सटीकता और
पूर्णता की गारंटी नहीं
दी जा सकती क्योंकि
यह समय के साथ
बदल सकती है।
यह ब्लॉग चिकित्सा, कानूनी, या पेशेवर सलाह
के रूप में नहीं
माना जाना चाहिए। मादक
पदार्थों के उपयोग, रोकथाम,
या उपचार से संबंधित किसी
भी निर्णय के लिए, कृपया
योग्य चिकित्सक, परामर्शदाता, या संबंधित अधिकारियों
से संपर्क करें। इस सामग्री का
उपयोग करने से उत्पन्न
होने वाली किसी भी
कार्रवाई या परिणाम की
जिम्मेदारी पूर्ण रूप से उपयोगकर्ता
की होगी।
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