शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा: भारत का गौरव

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शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा: भारत का गौरव

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और लखनऊ के गौरव शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन बिताने के बाद 15 जुलाई 2025 को धरती पर सुरक्षित वापसी की। एक्सिओम-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान से वह प्रशांत महासागर में कैलिफोर्निया तट पर दोपहर 3:01 बजे (भारतीय समयानुसार) उतरे। उनकी इस उपलब्धि ने केवल भारत का मान बढ़ाया बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा का नया अध्याय लिखा।



 

मिशन का उद्देश्य और उपलब्धियां

 

शुभांशु ने आईएसएस पर माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों के नुकसान और मानव पाचन तंत्र के अनुकूलन पर शोध किया। उन्होंने कीबो प्रयोगशाला में लाइफ साइंसेज ग्लोवबॉक्स का उपयोग कर मायोजेनेसिस अध्ययन किया, जो अंतरिक्ष में मांसपेशियों की हानि के आणविक तंत्रों को समझने में मदद करेगा। इसके अलावा उन्होंने भारतीय स्कूली छात्रों के लिए एक शैक्षिक वीडियो भी रिकॉर्ड किया, जिसमें अंतरिक्ष में पाचन तंत्र के अनुकूलन की प्रक्रिया को समझाया गया।

 

देश का उत्साह और नेताओं की प्रतिक्रिया

 

शुभांशु की वापसी पर पूरे देश में उत्साह का माहौल रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी उपलब्धि को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर बताया और कहामैं राष्ट्र के साथ मिलकर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनकी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से वापसी पर स्वागत करता हूं।राष्ट्रपति ने भी इसे भारत के लिए गौरवमयी क्षण करार दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और बसपा प्रमुख मायावती ने भी उनकी उपलब्धि की सराहना की।

 

परिवार की खुशी और भावनाएं

 

लखनऊ में शुभांशु की मां आशा देवी ने उनकी सुरक्षित वापसी पर भावुक होकर कहा, “मेरे बेटे का दोबारा जन्म हुआ है।उनके पिता और परिवार ने लखनऊ के सीएमएस स्कूल में लाइव लैंडिंग देखी, जहां उनकी मुस्कान ने सभी का दिल जीत लिया। अयोध्या में उनकी सुरक्षित लैंडिंग के लिए पूजा और हवन का आयोजन किया गया।

 

गगनयान मिशन के लिए प्रेरणा

 

शुभांशु की यह यात्रा भारत के महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने उनकी वापसी कोशानदारकरार देते हुए कहा कि यह भारत के मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को मजबूती देगा। शुभांशु अब कैलिफोर्निया में पुनर्वास और डीब्रीफिंग प्रक्रिया से गुजरेंगे, जिसके बाद वह गगनयान मिशन की तैयारियों में योगदान देंगे।

 

 

निष्कर्ष

 

शुभांशु शुक्ला जिन्हें उनके शांत और अनुशासित व्यक्तित्व के लिए आईएसएस पर साथियों नेशक्सउपनाम दिया, ने केवल वैज्ञानिक प्रयोगों के जरिए भारत का नाम रोशन किया, बल्कि अपने देशवासियों को यह विश्वास भी दिलाया कि भारत अंतरिक्ष अन्वेषण में एक मजबूत दावेदार है। उनकी यह यात्रा हर भारतीय के लिए गर्व का विषय है।


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