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सीपी राधाकृष्णन 452 मतों के साथ भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बने |
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव में शानदार जीत हासिल की। उन्होंने 452 मत प्राप्त कर विपक्षी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के अंतर से हराया, जिन्हें 300 मत मिले। इस जीत के साथ सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति बन गए हैं और वह 12 सितंबर को शपथ ग्रहण करने वाले हैं।
#WATCH | Delhi: PC Mody, Secretary-General, Rajya Sabha says, "NDA nominee and Maharashtra Governor C.P. Radhakrishnan got 452 first preference votes. He has been elected as the Vice President of India... Opposition's vice-presidential candidate Justice Sudershan Reddy secured… pic.twitter.com/hW7dUY0yfi
— ANI (@ANI) September 9, 2025
चुनाव
प्रक्रिया सुबह 10 बजे शुरू हुई
और शाम 5 बजे तक चली,
जिसमें 781 सांसदों के निर्वाचक मंडल
ने भाग लिया। कुल
767 मत डाले गए जिनमें
752 मान्य और 15 अमान्य थे। एनडीए की
मजबूत स्थिति, जिसमें 422 सांसदों का समर्थन था,
ने राधाकृष्णन की जीत को
सुनिश्चित किया। विपक्ष के पास 324 सांसदों
का समर्थन था, लेकिन बीजू
जनता दल (बीजद), भारत
राष्ट्र समिति (बीआरएस), और शिरोमणि अकाली
दल (एसएडी) जैसे कुछ दलों
ने मतदान से दूरी बनाए
रखी।
सीपी
राधाकृष्णन जो तमिलनाडु के
कोयंबटूर से दो बार
लोकसभा सांसद रह चुके हैं,
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)
से लंबे समय से
जुड़े हैं। 1957 में तिरुपुर में
जन्मे, उन्होंने 1974 में जनसंघ के
राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य के
रूप में अपने राजनीतिक
जीवन की शुरुआत की।
वह 2004 से 2007 तक तमिलनाडु में
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष
रहे और हाल ही
में महाराष्ट्र के राज्यपाल के
रूप में कार्यरत थे।
उनकी उम्मीदवारी को तमिलनाडु में
भाजपा की स्थिति को
मजबूत करने की रणनीति
के रूप में देखा
जा रहा है।
प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन
की जीत पर बधाई
देते हुए उन्हें "समर्पण,
विनम्रता और बुद्धिमत्ता का
प्रतीक" बताया। राधाकृष्णन अब राज्यसभा के
पदेन सभापति के रूप में
भी कार्य करेंगे। तमिलनाडु के तिरुपुर में
उनके गृहनगर में इस जीत
का उत्साहपूर्वक स्वागत किया गया, जहां
लोगों ने पटाखे फोड़े
और उत्सव मनाया।
यह जीत न केवल
एनडीए की संसदीय ताकत
को दर्शाती है, बल्कि यह
भी दर्शाती है कि तमिलनाडु
जैसे राज्यों में भाजपा अपनी
पैठ बढ़ाने की दिशा में
आगे बढ़ रही है।
राधाकृष्णन तमिलनाडु से उपराष्ट्रपति बनने
वाले तीसरे नेता हैं, जो
इस पद पर उनकी
नियुक्ति को और भी
महत्वपूर्ण बनाता है।
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